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शर्मनाक : जगह पर कब्जा करने की ख़ातिर असमाजिक तत्व नहीं लगने दे रहे शहीद की प्रतिमा !

by admin
Embarrassing: Anti-social elements are not allowed to occupy the place, the statue of martyr!

Agra. देश की रक्षा और आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद गोविंद सिंह मेहता ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए लेकिन आज उनका परिवार अपने शहीद बेटे की प्रतिमा लगाने के लिए दर-दर भटक रहा है। काफी प्रयासों के बाद शहीद बेटे की प्रतिमा लगाए जाने का काम शुरू हुआ तो अब कुछ लोगों ने इस प्रतिमा को लगाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। लोगों के इस विरोध के कारण शहीद का पिता पूरी तरह से टूट गया है।

मामला शहीद नगर पुलिस चौकी के निकट स्थित तिकोनिया पार्क का है। आपको बताते चलें कि 2015 में गोविंद सिंह मेहता देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। उसी के बाद से उनके पिता पत्नी और बच्चे उनकी शहादत की याद में प्रतिमा लगाए जाने की मांग कर रहे थे। इस मांग को पूरा कराने के लिए उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों की हर चौखट को खटखटाया लेकिन मायूसी मिली। क्षेत्रीय पार्षद जगदीश पचौरी के प्रयास और महापौर नवीन जैन के सहयोग के कारण शहीद गोविंद सिंह मेहता की प्रतिमा शहीद नगर तिकोनिया पार्क में लगाए जाने के लिए निगम की कार्यकारिणी व सदन में प्रस्ताव पारित हुआ। इस प्रस्ताव के पारित होने और फिर पार्क में प्रतिमा लगाए जाने के कार्य शुरू होने से शहीद के पिता और परिवारी जन काफी उत्साहित थे लेकिन कुछ लोग अब इस प्रतिमा के लगाए जाने के चलते कार्य को बाधित कर रहे हैं और हंगामा कर इस कार्य को रुकवा देते हैं। लोगों द्वारा प्रतिमा लगाए जाने के मार्ग में खड़ी की जा रही अड़चनों से शहीद गोविंद सिंह मेहता के पिता काफी दुखी हैं।

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शहीद के पिता प्रताप सिंह मेहता का कहना है कि आज वह बहुत दुखी और व्यथित हैं। उनका कहना है कि देश की रक्षा के लिए सरहद पर उनके पुत्र ने प्राण न्यौछावर कर दिये। बेटे के शहीद होने पर परिवार के किसी भी सदस्य ने सरकार से किसी भी तरह की नौकरी या पैसों की मांग नहीं की, केवल उन्होंने अपने बेटे की प्रतिमा लगाए जाने की मांग की थी लेकिन आज जब बेटे की प्रतिमा लगाए जाने का कार्य चल रहा है तो कुछ लोग उस में अड़चन डाल रहे हैं। लड़ाई झगड़ा कर इस कार्य को रुकवा देते हैं।

घटना की जानकारी होने पर क्षेत्रीय पार्षद जगदीश पचौरी भी मौके पर पहुंचे उनका कहना था कि इस पार्क में शहीद गोविंद सिंह मेहता की मूर्ति लगाए जाने का प्रस्ताव नगर निगम से पारित हुआ है जिसके बाद मूर्ति लगाए जाने का कार्य शुरू किया गया है लेकिन कुछ असामाजिक तत्व शहीद की प्रतिमा लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोग वास्तव में देश प्रेमी नहीं है। उन्हें शहीदों की शहादत से कोई सरोकार नहीं है। उनका कहना है कि कुछ लोग इस जगह पर कब्जा करना चाहते हैं इसीलिए इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।

घटना की सूचना पर पूर्व सैनिक भी मौके पर पहुंच गए। उनका कहना था कि एक शहीद के परिवार और परिजनों को पैसा और नौकरी नहीं बल्कि सम्मान चाहिए होता है और इस सम्मान के लिए प्रताप सिंह मेहता ने अपने बेटे की प्रतिमा लगाए जाने की मांग की थी लेकिन जब यह मांग पूरी हो रही है तो उसका विरोध किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर इस पार्क में शहीद गोविंद सिंह मेहता की प्रतिमा नहीं लगी तो पूर्व सैनिक आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

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