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आगरा में टैक्सटाईल और गारमेंट उद्योग लगाने को प्रयास हुए तेज़, खुलेंगे रोजगार के रास्ते

by admin

आगरा। इन्टीग्रेटेड टैक्सटाईल पार्क एवं ऐपरल पार्क की स्थापना के लिये प्रयास तेज हो गए हैं। इस पार्क के लिए आगरा से भी दो ई-निविदाएं प्रदेश के हैण्डलूम एवं टैक्सटाईल विभाग को भेजी गयी हैं। पहली निविदा वर्तमान के सूरत निवासी कपड़ा उद्यमी अशोक गोयल एवं दूसरी निविदा एफमेक के अध्यक्ष पूरन डाबर की कम्पनी के समूह द्वारा भेजी गई है। इन निविदाओं के साथ में आगरा में टैक्सटाईल एवं गारमेन्ट उद्योग की इकाईयों की स्थापना की दिशा में एक नई आशा जागी है। ताज ट्रिपेजियम जोन के अन्दर आगरा होने के कारण यहां प्रदूषण को लेकर अनेक प्रतिबन्ध हैं लेकिन गारमेन्ट मैन्युफैक्चरिंग व्हाईट कैटेगरी में है। इसके लगने से आगरा में रोजगार की नई राहें खुलेंगी।शहर से भेजी गई यह निविदायें आगरा के वस्त्र उद्यमियों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है।

आगरा में टेक्सटाइल और गारमेंट हब की स्थापना के प्रयास को 19 अगस्त को एक वेबिनार हुआ था जिसमें गारमेन्ट एसोसिएशन की ओर से आर के नय्यर व संजीव अग्रवाल, कन्सलटेंट के रूप में कन्सेप्चुअल क्रिऐशन्स के सीईओ प्रमोद अग्रवाल एवं उनके टीम मैम्बर अनुपम वाजपेयी (चार्टेड इंजीनियर) एवं यश जैन (चार्टेड एकान्टेन्ट) थे। वेबिनार के मोडरेटर थे आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन के सचिव के सी जैन।

प्रमोद अग्रवाल द्वारा वेबिनार में बताया गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 7 जिलों में इन्टीग्रेटेड टैक्सटाईल एवं ऐपरल पार्क बनाने की पहल की है और एक्सप्रेशन ऑफ इन्टरेस्ट आमंत्रित किये हैं। जिसकी ई-निविदा लगाने की आखिरी दिनांक 20 अगस्त थी जिसे प्रदेश सरकार के हैण्डलूम एवं टैक्सटाईल विभाग द्वारा आमंत्रित किया गया था। अनुपम वाजपेयी द्वारा जयपुर, हैदराबाद, शोल्हापुर, कोल्हापुर एवं जबलपुर आदि स्थानों पर बनाये गये टैक्सटाईल पार्क के बारे में बताया गया कि किस प्रकार वहां पर काॅमन फेसिलिटी बनाकर टैक्सटाईल व गारमेन्ट हब बनाया गया है। यश जैन द्वारा आर्थिक पहलू व सरकार की योजनाओं के अन्तर्गत दी जाने वाली सब्सिडी व ग्रान्ट्स के बारे में बताया। वियतनाम से सम्मिलित हुईं टैक्सटाईल डिजाइनर व प्रतिष्ठित कम्पनी की सीनियर कन्ट्री हैड श्रुति अग्रवाल ने इस क्षेत्र में युवा शक्ति के लिये गारमेन्ट हब बनाने की जरूरत बतायी। 

वेबिनार में सूरत से सम्मिलित हुए कपड़ा उद्यमी अशोक गोयल ने सूरत से आगरा घर वापसी का रास्ता इस उद्योग को बताया और कहा कि मध्यम वर्ग के उद्यमियों के लिये पावर लूम के माध्यम से कपड़ा बनाने की बड़ी संभावनाऐं हैं क्योंकि यह कपड़ा वर्तमान में सूरत से मथुरा के लिये आता है। बड़ी संख्या में सूरत में काम कर रहे लोग आगरा वापिस आना चाहते हैं। अशोक गोयल ने ऐपरल पार्क को अपना 20 साल पुराना सपना बताया। गारमेन्ट इण्डस्ट्री के संजीव अग्रवाल एवं आर के नय्यर द्वारा आगरा में ऐपरल पार्क में उद्यमी आयेंगे, इसके लिये आश्वस्त किया गया।      

एफमेक के अध्यक्ष पूरन डाबर द्वारा गारमेन्ट इण्डस्ट्री के महत्व को बताते हुए कहा कि दुनियां के जूता इम्पोटर्स गारमेन्ट भी आयात करते हैं। इस लिहाज से आगरा गारमेन्ट निर्यात के लिये आदर्श लोकेशन है। बस जरूरत है इस दिशा में पहल करने की। 

नेशनल चैम्बर ऑफ इण्डस्ट्रिज एण्ड काॅमर्स के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने आगरा में गारमेन्ट हब बनाने के लिये गम्भीर प्रयासों की बात कही और चैम्बर द्वारा पूरा सहयोग देने के लिये आश्वस्त किया। आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन के सचिव के सी जैन द्वारा कहा गया कि इन्टीग्रेटेड टैक्सटाईल एवं एपरेल पार्क बनाने के लिए हमें पहल करना जरूरी है अन्यथा हम पार्क बनाने की दिशा में पिछड जायेंगे। 
वेबिनार में सभी उपस्थित लोगों ने आगरा की ओर से यह पहल करने की बात रखी जिसका समर्थन कपड़ा उद्यमी साबिया खान, संजय अग्रवाल आदि सभी ने किया। वेबिनार के विचार मंथन का परिणाम था कि वेबिनार में सम्मिलित अशोक गोयल एवं पूरन डाबर को ई-निविदा देने के लिये दबाव डालकर उनको तैयार करना। ई-निविदा में भूमि के लिये सरकार के सहयोग की भी अपेक्षा की गयी है। यूपीसीडा के पास थीम पार्क की 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध है जो कि थीम पार्क योजना के लिये अर्जित की गयी थी किन्तु संजय खान के द्वारा रूचि न दिखाये जाने के कारण अब इसका उपयोग औद्योगिक क्लस्टर व गारमेन्ट पार्क के रूप में हो सकता है और उसकी भूमि ई-निविदा दाताओं को पार्क बनाने के लिये शर्तों के साथ दी जा सकती है।

अब देखना है कि सरकार भूमि उपलब्ध कराने की दिशा में इन निविदा दाताओं को क्या सहयोग देती है। आगरा एक ऐपरल पार्क की स्थापना की ओर आशाभरी नजरों से देख रहा है। एमएसएमई राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह अपना पूरा सहयोग देने के लिये तैयार हैं।

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