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किसान आंदोलन से 72000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुक़सान का आंकलन

by admin
Economic loss of Rs 72000 crores estimated by farmer movement

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन से खासकर पंजाब, हरियाणा दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने से दिसंबर तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उद्योग मंडल पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बताया। वहीं केंद्र सरकार और किसानों के बीच तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के लिये कानूनी गारंटी को लेकर गतिरोध बना हुआ है। वहीं बुधवार को हुई चर्चा के अनुसार दो बिंदुओं पर सरकार झुकने के लिए तैयार भी हो गई है लेकिन किसानों का कहना है कि अभी मुख्य मांग उनकी बाकी है जिसके चलते अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो यह आंदोलन और लंबा हो सकता है।

वहीं इस दौरान उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि ‘अब तक 36 दिन के किसान आंदोलन से सत्र 2020-21 की तीसरी तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान अनुमानित है। इसका कारण खासकर पंजाब, हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होना है।’

साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच कृषि अवशेषों यानी पराली जलाने को लेकर जुर्माना और बिजली संशोधन विधेयक, 2020 के सब्सिडी मामले को लेकर सहमति हो गई है।

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