आगरा। इलाज के लिए आगरा एसएन अस्पताल में भर्ती हुए एक बैंक कर्मचारी की इलाज के दौरान मौत हो गयी लेकिन उस बैंककर्मी का शव आज तक परिजनों को नही मिल पाया है। मृतक का भाई अवदेश पिछले पांच दिनों से एसएन हॉस्पिटल से लेकर सीएमओ आफिस और थाना एमएम गेट के कई चक्कर लगा चुके हैं लेकिन मृतक भाई के शव का पता नहीं लग पाया है।
बताया जाता है कि अवदेश के बड़े भाई विवेक अयोध्या की सहकारी बैंक में लिपिक था। उनकी किडनी फेल होने से तबियत खराब रहती थी। 29 अप्रैल को ज्यादा तबियत बिगड़ने पर उन्हें फैजाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन हालात में सुधार न होने पर उन्हें 30 अप्रैल को आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। एक मई की दोपहर उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान एसएन प्रशासन ने उनका कोरोना सेम्पल लिया और रिपोर्ट आने पर परिजनों को सौंपने को कहा।
मृतक के भाई अवदेश बताते है कि चार दिन बीत जाने पर भी कोई खबर न मिलने पर उन्होंने मृतक भाई की कोरोना रिपोर्ट के लिए सीएमओ कार्यालय संपर्क किया। किसी तरह उन्हें भाई की कोरोना की रिपोर्ट मिली जो नेगेटिव थी। इस पर भाई की डेडबॉडी के लिए उसने फिर सीएमओ ऑफिस से संपर्क किया तो उसे थाना एमएम गेट भेज दिया गया। एमएम गेट पुलिस को भाई के शव के बारे में कोई जानकारी नही थी।
इस घटना के बाद से जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग व एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मृतक के परिजनों को रिपोर्ट के बारे में क्यों नहीं बताया। मृतक का शव कहां रखा है, इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। उसका अंतिम संस्कार किस तरीके से किया जाएगा इसके बाद में क्यों नहीं बताया, अब शव कहां है जानकारी कौन देगा।