Agra. सोमवार सुबह जिला अस्पताल में भी हड़कंप मच गया। दोपहर को लगभग 1 बजे अचानक से राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एवं राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त डॉ. देवेंद्र शर्मा जिला अस्पताल पहुंच गए। उनके आगमन को लेकर सीएमएस ए के अग्रवाल सहित अन्य चिकित्सक मौके पर पहुंच गए। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा।
सबसे पहले देखा एनआरसी वार्ड
जिला अस्पताल पहुंचते ही सबसे पहले डॉ देवेंद्र शर्मा एनआरसी वार्ड में पहुंचे। यहां पर उन्होंने एनआरसी में कितने मरीज भर्ती हैं और क्या-क्या व्यवस्था में हैं, इसकी जानकारी ली। राज्य मंत्री देवेंद्र शर्मा को यहां लगभग 14 बच्चे भर्ती मिले जिनका इलाज चल रहा था। इस दौरान उन्होंने बच्चों के परिजनों से वार्ता की और किस तरह से उन्हें इलाज़ मिल रहा है इसकी जानकारी ली। मरीजों के तीमारदारों ने अस्पताल में बेहतर इलाज मिलने और चिकित्सकों द्वारा बार-बार देखने की बात कही जिससे राज्य मंत्री संतुष्ट नजर आए।
किचन को भी देखा
एनआरसी वार्ड का निरीक्षण करने के बाद राज्य मंत्री एनआरसी वार्ड की किचन भी जा पहुंचे। किचन में सफाई व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को किस ऑयल में खाना दिया जा रहा है इसकी जानकारी ली। उन्होंने खाना बनाने वाले व्यक्ति से पूछा कि इस आयल में खाना बनाते हैं तो इस पर जवाब मिला कि कोकोनट ऑयल का प्रयोग किया जा रहा है।
पीएम जन औषधि स्टोर का भी किया निरीक्षण
गरीबों को सस्ती दवाइयां मिले इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जन औषधि योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत जगह-जगह मेडिकल स्टोर खोले गए थे। जिला अस्पताल में भी इस योजना के तहत मेडिकल स्टोर खुला हुआ है। राज्य मंत्री देवेंद्र शर्मा स्टोर पर पहुंचे और यहां पर जो लोग दवा ले रहे थे उनसे पूछताछ की। उन्होंने पूछा कि बाहर से दवाई लाने के लिए तो नहीं कहा जाता तो लोगों ने कहा कि यहां पर सस्ती और सभी दवाइयां मिल रही हैं।
व्यवस्थाओं से दिखे संतुष्ट
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा अपने निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए। उनका कहना था कि स्थानांतरण के चलते चिकित्सकों के ट्रांसफर हुए हैं। उससे व्यवस्था थोड़ी सी गड़बड़ाई है बाकी सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त है। जल्द ही वे लखनऊ में चिकित्सकों के बड़े पैमाने पर हुए स्थानांतरण को लेकर वार्ता करेंगे जिससे जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में और ज्यादा सुधार लाया जा सके।