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पब्लिक सेक्टर में नौकरी के लालच में कहीं आप भी इस जाल में न फंस जाएं

by pawan sharma

आगरा। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए ताजगंज थाना क्षेत्र पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। ताजगंज पुलिस ने साइबर सेल के सहयोग से ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो पब्लिक सेक्टर में नौकरी लगवाने के बहाने लोगों के साथ धोखाधड़ी और उन्हें ठगी का शिकार बनाते थे। पुलिस ने चारों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को अंजाम देकर जेल भेज दिया है। इस पूरे मामले का खुलासा एसपी सिटी प्रशान्त कुमार ने प्रेसवार्ता के माध्यम से दी।

एसपी सिटी प्रशांत कुमार ने बताया कि पिछले दिनों दीपक सोलंकी निवासी ताजगंज, अमित कुमार निवासी कानपुर, रोहन कुमार निवासी मेरठ, पुत्तन निवासी फतेहपुर, अतुल कुमार निवासी अमेठी और अंकेश कुमार निवासी बिहार ने एसएसपी बबलू कुमार को शिकायत की थी कि फेसबुक पर देश की प्रतिष्ठित कंपनियों गेल इंडिया, एनटीपीसी, एयरपोर्ट इंडिया और भेल में नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे 60-60 हजार रुपये की ठगी की है। ठगे हुए लोगों की शिकायत पर साइबर सेल की मदद से छानबीन शुरू की गई।

एसपी सिटी प्रशांत कुमार ने बताया कि यह शातिर पकड़ में न आये इसलिए इन्होंने बैंक में फर्जी पता और फर्जी पते पर सिम कार्ड निकलवा रखे थे जिससे इन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा था लेकिन बैंको में हो रहे ट्रांजेक्शन पर साइबर सेल ने नजर रख रखी थी जिसके मदद से चारों अपराधी मुकेश पुत्र लक्ष्मीनारायण निवासी हरिद्वार, बालकिशन पुत्र रामकिशन फिरोजाबाद,नोयल जीन्स पुत्र स्टीफर जीन्स, और मधु उर्फ जेशमिन पत्नी नोयल जीन्स को गिरफ्तार किया गया है।

एसपी सिटी ने बताया कि रोजगार के नाम पर बेरोजगारों के साथ ठगी करने वाला यह गिरोह उत्तराखंड से संचालित था लेकिन कुछ महीनों पहले ही इस गिरोह के सदस्य आगरा आये और इस ठगी के कारोबार को संचालित करने लगे। आरोपी मुकेश और बालकिशन ने अपने इस गैंग में मधु उर्फ जेशमिन और उसके पति को शामिल कर लिया। एसपी सिटी ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य लोकल मीडिया में सरकारी व प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी लगवाने के इस्तिहार देते थे और फेसबुक व अन्य सोशल साइट पर विज्ञापन करते थे। जो लोग इनके संपर्क में आते थे उनसे कुछ दिनों पर उनके शैक्षिक डाक्यूमेंट्स मंगवाए जाते थे और उसे दो से तीन महीने के बीच मे नौकरी लग जाने का आश्वासन देकर उससे बैंक एकाउंट में रुपया जमा करवा लेते थे। बाद में दो या तीन महीने बाद अपना आफिस बंद कर फरार हो जाते थे। यह शातिर ठगी शहरों में मकान या फिर ऑफिस को किराए पर लेटे और उस अग्रीमेंट के आधार पर ही बैंक के एकाउंट खुलवाते और सिम निकलवा लेते थे। शातिर उसी एड्रेस की सिम नंबर से अपने शिकार फसाते और नए बैंक अकॉउंट में पैसा जमा कराते और माथुर या फिर हरीद्वार में उस बैंक के एटीएम से पैसे निकाल लेते थे।

एसपी सिटी ने बताया कि इन शातिरों से 10 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड, 18 एटीएम कार्ड, 10 आधार कार्ड, 5 पैनकार्ड, विभिन्न बैंकों की 16 पासबुक, 8 विभिन्न बैंकों की चेकबुक, 5 ड्राइविंग लाइसेंस, 6 पहचान पत्र, 7 पॉकेट डायरी, 5 सोने के आभूषण और विभिन्न प्रदेशों के युवाओं के बायोडाटा मिले है। इसके साथ ही शतिरो से करीब 2 लाख नगद मिले है। एसपी सिटी ने बताया कि चारों शातिरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को अंजाम देकर जेल भेजा जा रहा है और इस नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ने की कवायद की जा रही है।

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