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भूल से भी किसी को न बताएं OTP, छात्राओं ने साइबर क्राइम से जुड़ी शंकाओं का किया समाधान

by admin

आगरा। सोशल मीडिया पर अनजाने लिंक आते हैं, बैंककर्मी बताकर आधार कार्ड का नंबर मांगा जाता है, अंजान नंबरों से व्हाट्सएप काॅल आते हैं, ऐसे में हम क्या करें? फेसबुक और व्हाट्सएप से डाटा चोरी होने से कैसे बचाएं, ये सभी सवाल बैकुंठी देवी महाविद्यालय की छात्राओं के थे साइबर क्राइम कार्यशाला में भाग लेने के दौरान उनके जहन में थे। बैकुंठी देवी महाविद्यालय में सात दिवसीय एनएसएन शिविर का आयोजन चल रहा है जिसके अंतर्गत साइबर क्राइम कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसी दौरान छात्राओं ने साइबर क्राइम से संबंधित अपनी समस्यों को सामने रखा।

बैकुंठी देवी महाविद्यालय के सात दिवसीय एनएसएन शिविर में छात्राओं के लिए साइबर क्राइम पर कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें सोशल एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन के समन्वयक नरेश पारस को आमंत्रित किया। नरेश पारस ने छात्राओं को साइबर क्राइम पर प्रशिक्षण दिया। एक छात्रा ने बताया कि बैंककर्मी बनकर उनके पापा को फोन करके आधार कार्ड अपग्रेड के बहाने आधार कार्ड का नंबर लिया और बैंक से 75 हजार रूपये निकाल लिए, वहीं दूसरी छात्रा ने बताया कि उसको पहले तो ओटीपी भेजा, फिर ओटीपी का नंबर मांगा। उसके बाद खाते से 40 हजार रूपये निकाल लिए। पुलिस में भी शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। अन्य छात्राओं ने बताया कि पढ़ाई संबंधी एप्लीकेशन भी निजी जानकारियां मांग रहे हैं। व्हाट्सएप पर अंजान नंबरों से काॅल आते हैं, इनसे कैसे बचें ?

प्रशिक्षक नरेश पारस ने साइबर क्राइम संबंधी जानकारी देते हुए कहा कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी में फेर बदल करना, स्पैम ई-मेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस डालना, किसी भी निजी जानकारी को हैक करके आईडी पासवर्ड लेना, उनको बदलना यह सभी साइबर क्राइम के दायरे में आते हैं। उन्होंने बताया कि इंटरनेट इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतें। किसी भी अनजान लिंक न खोलें। किसी भी हाल में किसी को भी ओटीपी न बताएं। आधार कार्ड को अपग्रेड करने के लिए बैंक कभी भी फोन नहीं करती है इसलिए किसी को आधार कार्ड का नंबर न बताएं। अंजान व्यक्तियों को सोशल मीडिया पर फ्रेंड न बनाएं। किसी भी पर्यटन, धार्मिक स्थल अथवा बाहर जाने से पूर्व जानकारी बिल्कुल शेयर न करें। अपने मोबाइल में पुसिल सुरक्षा संबंधी एप यूपीकाॅप, सिटीजन इमरजेंसी आदि अपने मोबाइल में जरूर डाउनलोड करके रखें। थाना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी सेव करके रखें। साइबर अपराध का संदेह होने पर तत्काल संबंधित थाना तथा साइबर सेल को सूचित करें। साइबर क्राइम संबंधी शंकाओं का समाधान किया। नरेश पारस ने छात्रओं को कम्युनिटी सर्विस के बारे में भी बताया।

साइबर क्राइम से जुड़ी तमाम जानकारियां पाकर छात्राएं भी काफी उत्साहित नजर आए। उनका कहना था कि यह जानकारियां उनके लिए महत्वपूर्ण है। किसी भी साइबर क्राइम से बचने के लिए वे कार्यशाला में बताई गई बातों को अमल में लाएंगे, साथ ही कुछ भी संदिग्ध प्रतीत होने पर यूपी कॉप या फिर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन पर जानकारी देंगी।

इस दौरान असिसटेंट प्रोफेसर डाॅ.कंचन गुप्ता, कृष्णा बाला सिंह, राधा सिंह आदि मौजूद रहे।

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