Agra. सिकंदरा थाना क्षेत्र के मांगरौल गुर्जर निवासी 19 साल के युवक ने फेसबुक लाइव कर ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली। युवक के आत्महत्या से पहले का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। वीडियो में युवक ने मौत के लिए अपने चाचा, चचेरे भाई और रुनकता चौकी के तत्कालीन प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया। उसने झूठ केस में फंसाने और चौकी प्रभारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने अधिकारियों से कृष्ण मुरारी को सुसाइड करने के लिए मजबूर करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मृतक सेना में होना चाहता था भर्ती
सिकंदरा क्षेत्र के गांव मांगरौल गूजर निवासी देवेंद्र परमार के 19 वर्षीय बेटे कृष्ण मुरारी ने सोमवार सुबह रुनकता के पास ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने से पहले उसने फेसबुक पर लाइव किया था। लाइव में उसने कहा कि वो सुसाइड करने जा रहा है। इसकी वजह उसके चाचा लाखन व उसका बेटा मोनू हैं। उन्होंने उसके ऊपर फर्जी केस दर्ज करा दिया। वो पांच माह से इस मामले से परेशान हैं। क्षेत्रीय पुलिस भी आरोपियों से मिली है जिससे उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही और मुकदमा दर्ज होने से वो अब सरकारी नौकरी के लिए एप्लाई नहीं कर सकता।
झूठे केस में फंसाया
फेसबुक लाइव के दौरान कृष्ण मुरारी ने कहा है कि उसे झूठे केस में फंसाया तो उसके मम्मी-पापा उसे बचाने में लग गए। वकील से लेकर पुलिस से सलाह मांगी और इस बीच माता पिता पर 50 हजार रुपए का कर्जा भी हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी दिन प्रतिदिन खराब होती चली गयी और इसके लिए रुनकता पुलिस चौकी मुख्य कारण है। फेसबुक लाइव के दौरान कृष्ण ने कहा कि पुलिस ने उन्हें बहुत परेशान किया। उसको, उसके पिता और भाई को फंसाया और मारपीट की धारा में दर्ज हुए मुकदमें को आरोपियों ने पुलिस से सांठगांठ कर गुंडा एक्ट लगवा दिया। वो इंडियन आर्मी में जाना चाहता था लेकिन इस मुकदमे से उसका करियर चौपट हो गया। वो एक बार फिजिकल पास कर चुका था लेकिन उम्र कम होने के कारण भर्ती नहीं हो पाया था।
ये थी घटना
मृतक कृष्ण मुरारी के पिता देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनके चचेरे भाई लाखन और विक्रम के बीच छह माह पहले झगड़ा हुआ था। विक्रम उनके घर में आकर छिप गया था। बीच-बचाव करने पर लाखन और उसके बेटे ने उनके साथ मारपीट की। इस दौरान लाखन के बेटे के भी चोट आ गई। इसमें लाखन पक्ष ने विक्रम के साथ-साथ देवेंद्र और उनके बेटे कृष्णमुरारी और हरिशंकर के खिलाफ भी घर में घुसकर मारपीट करने व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पंचायत ने देवेंद्र से आर्थिक दंड के रूप में लाखन पक्ष को 15 हजार रुपए दिलवाकर समझौता भी करा दिया।
मुक़दमा ख़त्म कराने के पैसे लिए
मृतक कृष्ण मुरारी के पिता देवेंद्र का आरोप है कि जब पंचायत में आर्थिक दंड लगाकर समझौता करा दिया गया और इस समझौते के लिए तत्कालीन चौकी प्रभारी केशव शांडिल्य ने 12 हजार रुपये भी लिए लेकिन इस मुकदमे को पुलिस ने खत्म नही किया बल्कि पुलिस ने इस मुकदमे में चार्जशीट लगाने के साथ ही गुंडा एक्ट की धारा में और कार्रवाई कर दी।
धारा बढ़ने से परेशान था कृष्ण मुरारी
मृतक के पिता ने बताया कि कृष्ण मुरारी ने गुंडा एक्ट में जमानत कराई थी। पुलिस की कार्रवाई और झूठे मुकदमे में फंसाने के बाद से कृष्णमुरारी तनाव में था। सोमवार सुबह जब कृष्ण मुरारी फेसबुक लाइव कर रहा था तब फेसबुक पर उससे जुड़े लोगों ने काल करके रोकने की कोशिश की। उसके घर पर सूचना भी दी। मगर, जब तक लोग वहां पहुंचे, कृष्ण मुरारी सुसाइड कर चुका था। मृतक के पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने वीडियो देखने के बाद साथी दरोगा को बचाने के लिए मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराया। देवेंद्र सिंह का कहना है कि वे इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधिकारियों से करेंगे और कृष्ण मुरारी को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव लड़ाई लड़ेंगे।