आगरा। कोरोना संक्रमण की मार एक परिवार पर ऐसी पड़ी कि भुखमरी के कारण उस परिवार की 5 साल की बच्ची ने दम तोड़ दिया। बेरोजगारी के चलते बच्ची के परिजन उसका इलाज नहीं करवा सके थे और न ही उसकी भूख को शांत कर पाए जिसके कारण बच्ची की जान चली गई। बच्ची के अंतिम संस्कार के 2 दिन बाद भी धन के अभाव में परिजन भूखे-प्यासे बैठे हैं और बच्ची की मौत पर गमजदा हैं।
कोरोना संक्रमण की सबसे ज्यादा मार मध्यम व गरीब तबके पर पड़ी है। लाखों की संख्या में मजदूरों का पलायन हुआ और अब बेरोजगारी का आलम यह है कि मजदूर तबके के लोगों को दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला आगरा के सदर थाना क्षेत्र के नैनाना जाट ग्राम पंचायत के नगला विधि चंद का है जहां पप्पू सिंह अपने पैतृक मकान में पत्नी शीला देवी और बच्चों के साथ रहते हैं। लॉकडाउन से पहले पप्पू जूता कारीगर था लेकिन तबीयत खराब होने पर वह घर पर ही रहने लगा। इससे उसके परिवार की जिम्मेदारी उसकी पत्नी शीला पर आ गई, जो मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रही थी। इसी बीच लॉकडाउन लगने से शीला का काम भी बंद हो गया और वह भी बेरोजगार हो गई। कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने शीला की मदद की, लेकिन अनलॉक लगने से स्थिति और खराब होने लगी। शीला की 5 साल की बेटी सोनिया बीमार पड़ गई। उसके इलाज के लिए शीला मजदूरी का काम खोजने लगी और संयोश वश बीते गुरूवार को शीला को मजदूरी मिली और दूसरे दिन उसे बच्ची का इलाज करवाने डॉक्टर के पास जाना था लेकिन इसके पहले ही सोनिया (बच्ची) की मौत हो गई। शीला का परिवार अभी भी बच्ची के गम से ज्यादा रोटी की आस में टकटकी लगाए बैठा है।
शनिवार को इस पीड़ित परिवार से मिलने के लिए काँग्रेस के प्रदेश सचिव पहुँचे। इस पीड़ित परिवार की स्थिति देख कांग्रेस प्रदेश सचिव अमित सिंह का दिल भर आया। घर में खाद्य सामग्री का एक तिनका भी नहीं था। घर पर टोरंट का मीटर तो लगा था लेकिन घर में लाइट ही नहीं है। बकाया होने के कारण टोरंट ने बिजली का कनेक्शन काट दिया। जैसे-तेसे गुजर बसर हो रही है। नोटबंदी के दौरान भी इसी परिवार का एक 8 वर्षीय लड़का खत्म हो चुका है।
कांग्रेस प्रदेश सचिव अमित सिंह ने बताया कि सरकार ऐसे पीड़ित लोगों की मदद का दावा करती है लेकिन असलियत यह घटना है। आर्थिक तंगी के चलते परिवार के बच्चे भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं। इतनी स्थिति खराब होने पर भी इस परिवार पर राशन कार्ड नहीं है। अमित सिंह ने कहा कि सरकार को उसकी वास्तविकता दिखने का समय आ गया है कि लॉकडाउन से गरीब तबका कितना प्रभावित है। इस परिवार को सरकार से आर्थिक मदद दिलाने के लिए पार्टी लड़ाई लड़ेगी। इस परिवार के साथ ही अन्य जरूरत मंद लोगों के राशन कार्ड बनवाये जाने की सरकार से मांग करेगी जिससे ऐसे परिवार को खाद्य सामग्री मिल सके और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो।