दिल्ली में डेंगू, मलेरिया का प्रकोप। रिकॉर्ड मरीज आये सामने। दिल्ली वासियों पर लापरवाही का आरोप, हर हफ़्ते थमाए जा रहे हज़ारों नोटिस।
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। मच्छरों की पैदावार अनियंत्रित है। इसमें चिंताजनक बात ये है कि दिल्ली वासी इसके लिए सर्वाधिक जिम्मेदार हैं। लोग दिल्ली नगर निगम के उपायों और अभियानों पर पानी फेर रहे हैं। इस साल केवल पांच महीने में मच्छरों की पैदावार के लिए जिम्मेदार 24,112 दिल्ली वासियों को नोटिस मिला है।
बीते एक हफ्ते में 2737 लोगों को नोटिस दिया गया है। दिल्ली नगर निगम की साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक एक जनवरी से 28 मई के बीच डेंगू के 111 मामले आए हैं। पिछले साल के मुकाबले यह बेहद अधिक हैं। इससे साफ जाहिर है कि मच्छरों का प्रकोप अधिक है। बीते हफ्ते दिल्ली में डेंगू के 12 नए मामले आए हैं। इस साल एक हफ्ते में यह सर्वाधिक मामला है लेकिन लोगों को इसकी परवाह शायद नहीं है। दिल्ली नगर निगम मच्छरों की पैदावार रोकने के लिए नियमित तौर पर घरों में जा जाकर मच्छर मार दवा का छिड़काव, फोगिंग कर रहा है लेकिन निगम को लोगों का सहयोग नहीं मिल रहा है।
हर हफ्ते 1143 लोगों को नोटिस
लोग अपने गमलों, छतों पर इकट्ठा कबाड़, घर के आस पास नालियों, कूलर इत्यादि में लापरवाही के साथ पानी जमा होने दे रहे हैं। इससे निगम की लाख कोशिशों के बावजूद मच्छरों का प्रजनन हो रहा है। इसके लिए जिम्मेदार करीब 1143 लोगों को हर हफ्ते नोटिस मिल रहा है। कई लोगों पर 500 रुपया जुर्माना भी लगाया गया है, लेकिन लोग नहीं सुधर रहे हैं।
इस साल मच्छरों का खतरा ज्यादा
इस साल 28 मई तक डेंगू के रिकॉर्डतोड़ 111 मामले आए हैं। 2021 में केवल 29, 2020 में 19, 2019 में 11, 2018 में 22 और 2017 में केवल 40 मामले आए थे। पिछले साल दिसम्बर महीने तक डेंगू के 9613 मामले आए थे और 23 लोगों की मौत हो गई थी। डेंगू के इतने मामले पिछले कई सालों में कभी नहीं आए थे। यदि ऐसे ही चलता रहा तो इस साल डेंगू के मामले और बढ़ सकते हैं।