आगरा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हिरासत में लिए जाने के बाद आगरा में कांग्रेसियों में तीखा आक्रोश देखा जा रहा है। बीती रात से ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आगरा पुलिस लाइन में पुलिस हिरासत में मौजूद हैं। कांग्रेस के नेता इस कार्यवाही को उत्तर प्रदेश सरकार की तानाशाही बता रहे हैं, साथ ही साथ जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं पुलिस लाइन के बाहर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को रिहा किए जाने को लेकर आक्रोशित कांग्रेसी पुलिस लाइन के बाहर धरना दे रहे हैं तो वहीं पुलिस लाइन आगरा को छावनी बना दिया गया है। पुलिस के आला अफसर मौके पर मौजूद हैं। लगातार कांग्रेसियों से बातचीत का दौर जारी है।
बताते चलें कि प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने 1000 बस दिए जाने का ऐलान किया था। यह बसें राजस्थान से उत्तर प्रदेश की सीमा होते हुए नोएडा और गाजियाबाद पहुंचने थी और इन बसों को रवाना करने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर भरतपुर पर पहुंच गए थे। मगर जिन बसों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आगरा को दी गई थी। बताया जा रहा है कि इन सूचियों में तकरीबन 120 वाहनों के नंबर गलत पाए गए जिसको लेकर यूपी सरकार और जिला प्रशासन आगरा ने इन बसों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। अभी तक इन बसों को रवाना नहीं किया गया है, साथ ही साथ लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ धारा 188, 269, 270 और तीन महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुमित विभव और राम टंडन इस कार्यवाही को उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आगरा की तानाशाही बता रहे हैं। उनका कहना है कि बसों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बेवजह हंगामा खड़ा कर दिया और प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने वाले बसों को जबरन रोक दिया गया।
बहरहाल कुछ भी हो, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी बस दिए जाने के मामले में आमने-सामने हैं। आरोप – प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, ऐसे में अपने घर पहुंचने वाला प्रवासी मजदूर दोनों राजनीतिक दलों की राजनीति में बीच में ही फंस गया है। प्रशासन के मुताबिक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा सकता है।