आगरा। पिछले दिनों टोरंट के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन को रोकने के लिए टोरंट के दलाल से लेनदेन की बात करते हुए कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित के वीडियो वायरल हुए थे। वीडियो प्रकरण की जांच करने के लिए कांग्रेस की तीन सदस्यीय जांच टीम बुधवार को आगरा पहुँची। जांच समिति में शामिल पूर्व विधान मंडल दल नेता प्रदीप माथुर, पूर्व एमएलसी विवेक वंसल और पूर्व विधायक अनिल चौधरी ने वायरल वीडियो प्रकरण में जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित सहित कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ फ्रंटल कमेटी के पदाधिकारियों से वार्ता की। कमेटी ने इस मामले की पूरी जानकारी ली और अपनी रिपोर्ट तैयार की जिसे हाई कमान को सौंपा जायेगा।
वायरल वीडियो प्रकरण में कांग्रेसी से वार्ता करने के बाद तीन सदस्यीय जांच टीम मीडिया से रूबरू हुई। पूर्व विधायक और विधान मंडल नेता प्रदीप माथुर ने इस पूरे प्रकरण का ठीकरा भाजपा पार्टी पर फोड़ा है। उनका कहना था कि इस पूरे मामले में भाजपा कुछ ज्यादा ही रूचि ले रही है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अच्छा काम कर रही थी, इसलिए विपक्षियों ने षड्यंत्र के तहत यह वीडियो बनवाया और उसे वायरल कर दिया। कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष को षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है जिससे उनके साथ साथ पार्टी की छवि खराब हो।
पूर्व एमएलसी विवेक बंसल का कहना था कि प्रदेश नेतृत्व इस पूरे मामले पर गंभीर है, इसीलिए तो उन्होंने वरिष्ठ नेताओं की 3 सदस्य टीम बनाकर आगरा भेजी है जिससे इस संबंध में कार्यकर्ताओं अध्यक्षों और फ्रंटल संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता हो सके, साथ ही कार्यकर्ता इस वीडियो प्रकरण में क्या सोचता है उसकी राय ली जा सके। इस पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट जल्दी हाईकमान को सौंपी जाएगी। विवेक बंसल ने यह भी कहा कि मीडिया इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी में आपसी चल रही खींचतान पर कुछ ज्यादा ही तूल दे रही है।
इस पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी भारत भूषण काफी का कहना है कि कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता सत्ता में बैठे नुमाइंदों को पसंद नहीं आ रही है। इसलिए इस तरह का षड्यंत्र कर कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही पार्टी के विभीषण और इस पूरे प्रकरण में शामिल बाहरी तत्वों के खिलाफ पार्टी हाईकमान सख्त कार्रवाई करेगी।
फिलहाल 3 सदस्य टीम की कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित, शहर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चिल्लू सहित फ्रंटल संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से वार्ता हुई है। इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तैयार की गई है जो हाईकमान को सौंपी जाएगी। उसके बाद हाईकमान जो फैसला लेगा उसे अमल में लाया जाएगा।