आगरा। खेती कर लोगों को अन्न उपलब्ध कराने वाले किसान को अन्नदाता कहा जाता है, सुनने में भले ही यह शब्द गौरवान्वित करता हो लेकिन खेती के दौरान किसानों को होने वाली दिक्कतों और नुकसान के चलते युवा वर्ग अब इससे दूर होता चला जा रहा है जो एक बड़ी समस्या के रूप में सभी के सामने आ रही है। युवाओं के इस दृष्टिकोण को देखते हुए भारतीय किसान संघ ब्रज प्रान्त दो दिवसीय युवा किसान सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है जिसमे प्रदेश भर से खेती से जुड़ा युवा वर्ग और किसान शिरकत करेगा।
इस दो दिवसीय सम्मलेन को लेकर भारतीय किसान संघ की ओर से रामबाग स्थित कार्यालय पर आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया जिसमे इस सम्मेलन की रुपरेखा तैयार की गई।
बैठक के दौरान भारतीय किसान संघ के प्रान्त अध्यक्ष मोहन सिंह चाहर ने बताया कि युवाओ को खेती से जोड़ने और उनकी समस्याओं के निवारण के लिए दो दिवसीय युवा किसान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह 20 और 21 जुलाई को सरस्वती विद्यामंदिर कमलानगर होगा। सम्मेलन के दौरान युवा किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा लाभकारी खेती करने की जानकारी दी जाएगी और खेती से संबंधित समस्याओं को भी दूर किया जाएगा।
किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने बताया कि कृषि आय 5 लाख से अधिक होने पर आयकर विभाग द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न में कृषि भूमि का व्योरा मांगा जा रहा है जिससे किसान परेशान है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि वास्तविक कृषि लागत सरकार की लागत से चार गुना अधिक है। इसलिए सरकार कृषि आय का सही आंकलन नही कर सकती। इस बैठक के दौरान कृषि आय पर किसी प्रकार का ब्यौरा न मांगे जाने की मांग की गयी।
बैठक के दौरान भारतीय किसान संघ के प्रान्त अध्यक्ष ने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपने अपने जिले में गेंहू खरीद केंद्रों पर जाकर किसानों के गेंहूँ को समर्थन मूल्य पर बिकवाएँ। वहीं सरकार से मांग की है कि डीजल, खाद बीज के दाम कम कर लागत मूल्य कम करे और कृषि यंत्रों से जी एस टी समाप्त की जाए।
बैठक में मोहन सिंह चाहर के अलावा प्रदेश महामंत्री रामकुमार, संगठन मंत्री धर्मेन्द्र, लक्ष्मण सिंह, मनवीर, अनिल गुप्ता, प्रभाष कुमार, ऋषि कुमार अरुणेश कुमार, पारस, रामवीर चाहर, ओमपाल सिंह, कमल चौधरी, धर्मेंद्र मथुरा, जितेंद्र,चंद्रा वशिष्ठ, आदि उपस्थित रहे।