आगरा। आबकारी अधिकारी नरेश पलिया, पूर्व आबकारी निरीक्षक नीलम सिंह और तत्कालीन थाना प्रभारी ताजगंज की मुश्किलें बढती हुई नजर आ रही है। इनके खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह ने एसएसपी आगरा को आदेश जारी कर इनसे संबंधित न्यायलय में लंबित पड़े मामले में पुलिस अधीक्षक श्रेणी के अधिकारी से जांच कराकर जांच रिपोर्ट 5 दिसंबर तक न्यायलय में प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। लंबित पड़ा हुआ मामला पीड़ित के साथ मारपीट, डराने व धमकाने के साथ झूठे मामले में फंसाने से जुड़ा हुआ है।
मामला जुलाई 2019 का है। पीड़ित गिरीश अग्रवाल ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था कि उसके बेटे अर्पित के दुकान मालिक और आबकारी अधिकारियों से किसी कारणवश मनमुटाव चल रहा था। इसी कारण षड्यंत्र कर आबकारी विभाग के अधिकारी 30 जुलाई 2019 को दुकान पर पहुंचे, दुकान पर बैठे अर्पित को जबरदस्ती गाड़ी में बैठाया और उसे पूछताछ करने के बहाने ले गए। पीड़ित गिरीश अग्रवाल का कहना है कि बेटे अर्पित को थाना ताजगंज के कहरई स्थित पप्पू टेलर के मकान में ले जाया गया जहां नरेश पलिया, नीलम सिंह, विजय आनंद, रूपेंद्र कुमार निर्मल, वैभव शर्मा व अशोक कुमार ने बेटे अर्पित को काफी डराया धमकाया और अभद्रता करते हुए गंदी गंदी गाली दी। जब बेटा विरोध करने लगा तो उसके साथ जमकर मारपीट भी की गई। एकता चौकी ले जाकर तत्कालीन आबकारी अधिकारी नीलम सिंह और नरेश पालिया ने बेटे को करंट भी लगाया जिसके कारण वह बेहोश हो गया। इसके बाद उसके खिलाफ कच्ची शराब बनाने और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भिजवा दिया।
पीड़ित ने बताया कि बमुश्किल इस मामले में बेटे की हाइकोर्ट से जमानत हुई। बेटे के जमानत पर बाहर आने के बाद इस पूरे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों के साथ क्षेत्रीय थाने पर भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। 30 जुलाई 2020 को रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगरा को प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया लेकिन इसके बावजूद रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
पुलिस के काफी चक्कर लगाने के बाद भी सुनवाई न होने से गुस्साए पीड़ित परिवार ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय का सहारा लिया और अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी आबकारी अधिकारियों व क्षेत्रीय पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया। प्रार्थी ने इस संबंध में एक सीसीटीवी फुटेज भी सबूत के तौर पर पेश किया था जिसमें दुकान के बाहर एक बोलेरो गाड़ी के आने, उसमें से कुछ लोगों के उतरने और बेटे अर्पित को जबरदस्ती ले जाते हुए तस्वीरे कैद है। न्यायालय ने पीड़ित के वाद का संज्ञान लिया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह ने एसएसपी आगरा को आदेश देकर आबकारी अधिकारी नरेश पलिया,पूर्व आबकारी निरीक्षक नीलम सिंह और तत्कालीन थाना प्रभारी ताजगंज के खिलाफ लंबित पड़े मामले की जांच करने व 5 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।