Home » जागरूकता रैली निकाल बच्चों ने मनाया बालश्रम निषेध दिवस

जागरूकता रैली निकाल बच्चों ने मनाया बालश्रम निषेध दिवस

by admin

आगरा। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रम के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन और उत्तर प्रदेश ग्रामीण श्रमिक संस्थान की ओर से जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में श्रमिक विद्यालय में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों ने शिरकत की। सैकड़ों बच्चे हाथों में बाल श्रम उन्मूलन की तख्तियों को लेकर धनौली, नरीपुरा और जगनेर रोड के आसपास की मलिन बस्तियों में रैली निकाली। इस रैली के माध्यम से श्रमिक स्कूल के बच्चों ने बाल श्रम के प्रति लोगों को जागरूक बनाया और बालश्रम ना कराने की सभी से अपील की।

इस दौरान स्कूली बच्चों ने आम व्यक्तियों को बाल श्रम से एक बच्चे के जीवन से किस तरह से खिलवाड़ किया जाता है इस के प्रति भी सचेत किया। इस रैली को हरी झंडी सेवला जाट के सभासद अजय कुमार ने दिखाई। जिसके बाद स्कूली बच्चों के साथ-साथ स्कूल के अध्यापक और एनजीओ के तमाम सदस्यगण विभिन्न क्षेत्र में भ्रमण करते हुए लोगों को जन जागरूक बनाया। रैली समापन के दौरान एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी लोगों ने बाल श्रम को रोकने और इसे पूरी तरह से खत्म करने पर अपने अपने विचार रखें।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना था कि बाल श्रम के प्रति सरकारें संजीदा नजर नहीं आ रही। इसलिए तो बाल श्रम जड़ से अभी तक खत्म नहीं हो पाया है। अगर सरकार पूरी तरह से बाल श्रम को रोकने और खत्म करने पर आमादा हो तो बाल श्रम कराने वाले अभिभावकों और जिन फैक्ट्रियों में बच्चे काम करते हैं उन फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो पायेगी और तभी बालश्रम रुक पायेगा।

विचार गोष्ठी के दौरान उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के सचिव पिंकी जैन का कहना था कि बाल श्रम के कारण एक बच्चे का जीवन पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है। बच्चा जीविका अर्जन करने में लग जाता है जिसके कारण उस बच्चे का पूरी तरह से मानसिक व शारीरिक विकास नहीं हो पाता और इस तकनीकी युग में वह बच्चा सिर्फ खिलौना बन कर रह जाता है। इस बैठक में मौजूद तमाम एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भी अपने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज भी पूरे देश में 30 से 40% ऐसे परिवार हैं जिनके छोटे-छोटे बच्चे मजदूरी कर जीवन पोषण कर रहे हैं। सरकार ऐसे बच्चों के लिए ठोस योजनाएं लेकर आए जिससे इन बच्चों को शिक्षित बनाने के साथ-साथ उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में भी मदद मिल सके।

Related Articles

Leave a Comment