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बाल आयोग ने कांशीराम आवास के बच्चों की शिक्षा को लेकर डीएम को जारी किया नोटिस, तीस दिन में मांगा जवाब

by admin

आगरा। मलिन बस्ती और झुग्गी झोपड़ी के लोगों को सरकार ने कालिंदी विहार स्थित कांशीराम आवास योजना में मकान तो दे दिए लेकिन शिक्षा का ध्यान नहीं रखा। केवल एक स्कूल खोला जिसमें छह ब्लाक के बच्चों को दाखिला देना संभव नहीं है। बच्चों की पढ़ाई छूट गई। इस पूरे मामले को लेकर चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन के को-आर्डिनेटर नरेश पारस ने राष्ट्रीय बाल आयोग से शिकायत की थी। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन के को-आर्डिनेटर नरेश पारस की इस शिकायत का राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लिया और डीएम को नोटिस जारी कर सर्वे कराकर बच्चों का दाखिला कराने को कहा है। इतना ही नही तीस दिन में इसकी आख्या भी मांगी है।

मून ब्रेकिंग से बात करते हुए चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज सुरक्षित बचपन के को-आर्डिनेटर नरेश पारस ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बताया कि वर्ष 2008 में सरकार द्वारा शहरी गरीबों के लिए मा0 कांशीराम आवास योजना कालिंदी बिहार आगरा में शुरू की गई थी जिसमें ए, बी, सी, डी, ई तथा एफ ब्लाॅक बनाए गए। इनमें मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीबों को मकान आवंटित किए गए। इस अवासीय योजना को बनाते समय बच्चों की शिक्षा को ध्यान में नहीं रखा गया। शहर दूर इस आवासीय योजना ए ब्लाॅक के पास मात्र एक सरकारी स्कूल है लेकिन हर ब्लाॅक में बच्चों की संख्या बहुत है। एक स्कूल में बच्चों का पढ़ पाना संभव नहीं है। मकान आवंटन से पूर्व बस्तियों में बच्चे स्कूल जा रहे थे लेकिन आवास आवंटन होने के बाद इन बच्चों की पढ़ाई छूट गई। आसपास सरकारी स्कूल न होने एवं निजी स्कूलों में फीस अधिक होने के कारण गरीब मां-बाप अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे हैं। इस आवासीय योजना के अधिकांश बच्चे शिक्षा से महरूम हो रहे हैं। इतना ही नही यहां आए दिन छोटी बच्चियों के साथ गलत हरकत करने के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। कई बच्चियां यौन शोषण का भी शिकार हो चुकी हैं इसलिए कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को दूर पढ़ने नहीं भेजना चाहते हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत हर बच्चे का शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है लेकिन इन बच्चों को शिक्षा का हक नहीं मिल पा रहा है। संबंध में स्थानीय प्रशासन को भी कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन बच्चों की शिक्षा शुरू नहीं हो पाई है।

आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने डीएम से कहा है कि कांशीराम आवास योजना के सभी ब्लाकों का सर्वे कर बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने को कहा है और तीस दिनों में आख्या मांगी है।

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