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चैंपियन जगा रहे जागरूकता की अलख, एक हजार छात्रों को टीबी के बारे में किया जागरूक

by admin
Champion is awakening awareness, made one thousand students aware about TB

आगरा। टीबी को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ होने वाले अब दूसरों को इस बीमारी से जल्द से जल्द निजात दिलाने में जुटे हैं। जिला क्षय रोग विभाग और वर्ल्ड विजन संस्था के साथ टीबी चैंपियन के रूम में काम कर रहे इन लोगों ने शुक्रवार को ताजगंज स्थित नगर निगम इंटर कॉलेज में एक हजार छात्रों को टीबी के प्रति जागरुक किया। इसके साथ ही टीबी के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को भीदूर किया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है। यह ट्युबरकुलोसिस बैक्टीरिया से होती है। टीबी दो तरह की होती है। फेफड़ों की टीबी और शरीर के अन्य अंगों की टीबी। ज्ञात हो कि बालों और नाखूनों को छोडकर टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। इसमें केवल फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। उन्होंने बताया कि टीबी का उपचार पूरी तरह संभव है।

जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि टीबी के उपचार के लिए सरकार की ओर से जांच से लेकर दवाएं सब मुफ्त हैं। उन्होंने बताया कि के मरीज को इलाज के दौरान दवाओं के साथ-साथ पोषण और भावनात्मक सहयोग भी जरूरी है। इसलिए टीबी की दवा के साथ-साथ पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए और परिवार व समाज के लोगों को टीबी मरीजों का भावनात्मक सहयोग करना चाहिए। उन्होंने मरीजों को बताया कि टीबी की दवा नाश्ते के बाद ही लें। मरीज सुबह नाश्ते के बाद ही दवा खायें।

वर्ल्ड विजन संस्था के जिला समन्वयक युनुस खान ने बताया कि बच्चों को लंबे समय से खांसी आना, खांसते हुए पसीना आना, बुखार रहना, थकावट होना, वजन घटना, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण हों तो यह टीबी हो सकती है।

टीबी चैंपियन नरेंद्र सिकरवार ने बताया कि ऐसे में नजदीक के टीबी यूनिट पर इसकी मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर मरीज की स्क्रीनिंग की जाती है। इसके बाद जांच की जाती है। यदि टीबी की पुष्टि होती है तो मुफ्त उपचार की सुविधा है। उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज को दवा को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए, नियमित दवा का सेवन करने से टीबी ठीक हो जाती है।
इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल अशोक वर्मा और स्टाफ मौजूद रहा।

बताए गए टीबी को पहचानने के लक्षण

• दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आना, टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ो को प्रभावित करती है, इसलिए शुरुआती लक्षण खांसी आना है।
• पसीना आना
• बुखार का बने रहना
• थकावट होना
• वजन घटना
• सांस लेने में परेशानी

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