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आगरा पर्यटन पर CAA और NRC पड़े भारी, पर्यटकों में आई भारी कमी

by admin

आगरा। एनआरसी और सीएए मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में हुए आंदोलन का असर आगरा में भी पड़ा है। आगरा में विश्वदायीं स्मारक और मोहब्बत की निशानी ताजमहल स्थापित है। ताजमहल के अलावा लालकिला, फतेहपुरसीकरी और सिकंदरा जैसी स्मारकों को निहारने के लिए यहां प्रतिदिन हजारों-लाखों देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं।

मगर जैसे ही टीवी चैनलों पर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हिंसा से जुड़ी खबरें चली तो मानो देशी और विदेशी पर्यटकों ने आगरा आने के लिए अपने पैरों को थाम लिया हो। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर उत्तर प्रदेश और पूरे देश में वह आंदोलन और हिंसात्मक खबरों से ताजनगरी आने वाले पर्यटक बिल्कुल गायब हो गए थे। यहां पर्यटन उद्योग बिल्कुल चौपट हो गया। कुछ नागरिकता संशोधन बिल के आंदोलन का असर था तो आंशिक असर यहां ताजनगरी में चिलचिलाती ठंड और भीषण कोहरे का भी रहा है। यहां का पर्यटन उद्योग विश्वदायीं स्मारकों के ऊपर ही स्थापित है। ऐसे में जब यहां देशी और विदेशी पर्यटक आगरा आने से कतरा रहे हैं तो पर्यटन उद्योग वेंटिलेटर पर चला गया है। जिस उम्मीद के साथ में होटल व्यवसाई और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग नए साल और पर्यटन सीजन का उम्मीद लगाए बैठे थे वह उम्मीद धराशाई हो गई।

होटल व्यवसाई रमेश वाधवा कहते हैं कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में हुए हिंसात्मक आंदोलन की खबर चलने के बाद सभी देशों ने एडवाइजरी जारी की। जिसके चलते विदेशी पर्यटक गायब हो गए और यहां का पर्यटन उद्योग चौपट हो गया। एक डाटा की अगर हम बात करते हैं तो वर्ष 2018 के दिसंबर माह और वर्ष 2019 के दिसंबर माह की तुलना में देशी और विदेशी पर्यटकों में 20% कमी आई है। इसके अलावा ताजनगरी में भले ही यहां कोई हिंसात्मक आंदोलन नहीं हुआ हो। मगर जगह जगह रास्ते जाम और इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने के बाद ऑनलाइन सुविधा न होने से देशी और विदेशी पर्यटकों की भारी कमी आगरा में देखी गई है।

होटल व्यवसाई और पर्यटन से जुड़े लोग ताजनगरी ना आने वाले पर्यटकों से मायूस नजर आ रहे हैं। यहां के होटल व्यवसायियों का मानना है कि नवंबर और दिसंबर माह में सबसे ज्यादा पर्यटन उद्योग उठता है और बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता है मगर इस बार नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देशभर में हुए हिंसात्मक आंदोलन और उत्तर प्रदेश में भी हुए आंदोलन को लेकर आगरा का पर्यटन उद्योग काफी ज्यादा प्रभावित रहा है।

अब हम बात करते हैं मोहब्बत की निशानी और विश्वदायीं स्मारक ताजमहल की। ताजमहल पर जो कि इस समय हम भीड़ देख रहे हैं। यह देशी-विदेशी पर्यटकों की नहीं बल्कि आगरा के आसपास के जिले मथुरा, फिरोजाबाद, इटावा, मैनपुरी की है। ताजमहल पर आने वाले पर्यटक नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आंदोलन से डरे हुए हैं और लोकल पर्यटक के यहां आने से पर्यटन को कोई फायदा नहीं हो रहा है तो वही भीषण कोहरे के चलते जहां पर्यटकों को ताज दीदार में भी दिक्कत हो रही है। ऐसे में पर्यटक मायूस लौट रहा है।

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हुए हिंसात्मक आंदोलन ने मानो आगरा के पर्यटन उद्योग की जान निकाल कर रख दी है। हाथ पर हाथ रखे बैठे होटल व्यवसाई आगरा आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को टकटकी निगाह से देख रहे हैं।

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