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कैराना में बीजेपी की हार, नहीं उतर रहा नेताओं का बुखार

by pawan sharma

आगरा। उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद जहां भाजपा आलाकमान में मायूस है तो वहीं बीजेपी नेताओं का बुखार अभी उतर नहीं रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कैराना में उपचुनाव के नतीजों की। जहां बीजेपी को कैराना शामली और नूरपुर में करारी हार का सामना करना पड़ा और वहां रालोद और महागठबंधन को बढ़त मिली।

स्थिति साफ है कि आने वाले दिन शायद बीजेपी के परेशानी भरे हो सकते हैं। मगर बीजेपी नेता इस बात को स्वीकारते नहीं कि उनकी हार की वजह है स्थानीय मुद्दों को ना छूना और भाजपा का आंतरिक घमंड।

भाजपा महानगर के अध्यक्ष विजय शिवहरे से जब कैराना में बीजेपी की हार पर बात की गई तो बेबाकी से बोलते हुए नेता जी ने कहा कि कैराना की हार से 2019 पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। केंद्र में मोदी और प्रदेश में योगी की जनकल्याणकारी सरकार 2019 में वापस लौटेगी। उत्तर प्रदेश में 71 सीटों पर काबिज होने वाली भारतीय जनता पार्टी के सिर पर इस समय पुरानी जीत का बुखार चढ़ा हुआ है।अतिउत्साह की वजह से बीजेपी कर्नाटक हारी। फूलपुर और गोरखपुर हारी और अब बीजेपी को कैराना शामली और नूरपुर में भी हार का मुंह देखना पड़ा। बावजूद इसके bjp के नेताओं के सिर पर जीत का बुखार चढ़ा हुआ है और बीजेपी नेता अपनी दलीलें भी दे रहे हैं।

सवाल यह है कि आखिरकार बीजेपी के नेताओं के सर पर जीत का बुखार कब तक सर चढ़कर बोलेगा। कैराना शामली नूरपुर फूलपुर गोरखपुर और कर्नाटक में बीजेपी की हार की अगर समीक्षा नहीं की गई तो आने वाले दिन वह दूर नहीं जब भाजपा को 2019 में उत्तर प्रदेश में परेशानी उठानी पड़े।

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