प्रधानमंत्री मोदी की नई कैबिनेट में अचानक हुए बदलाव से विपक्षी लगातार भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साध रहे हैं। दरअसल इतनी बड़ी संख्या में मंत्रियों के बदले जाने पर विपक्षियों में यह सवाल बना हुआ है कि आखिर वरिष्ठ मंत्रियों को निकालकर नए मंत्रियों को जगह देने की क्या खास वजह रही होगी या फिर प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में जिस तरह कार्य करते थे वही कार्यशैली दोबारा से दोहरा रहे हैं।
7 जुलाई, बुधवार को नई कैबिनेट के मंत्री, स्वतंत्र प्रभार मंत्री और सभी राज्य मंत्री शपथ ग्रहण कर चुके हैं। उसके बाद उन्हें मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। लेकिन ऐसे में 2022 विधानसभा चुनाव से पहले अचानक हुए इस फेरबदल से समाजवादी पार्टी आहत नजर आ रही है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है, “इतनी बड़ी संख्या में मंत्री या मंत्रालय बदलने से भाजपा सरकार ने ख़ुद स्वीकार कर लिया है कि वो हर क्षेत्र में नाकाम रही है।
ज़रूरत केवल डिब्बे नहीं पूरी ट्रेन को बदलने की है।भाजपा ने सरकार चलाने का नैतिक अधिकार खो दिया है।देश-प्रदेश में बदलाव की लहर है।”