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आगरा जिला अस्पताल से फिर बाइक हुई चोरी, सीसीटीवी में कैद हुआ चोर

by admin

Agra. आगरा के जिला अस्पताल में बाइक चोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर एक मरीज की बाइक चोरी हो गई। युवक चिकित्सीय परामर्श लेने के बाद जैसे ही जिला अस्पताल की पार्किंग में पहुंचा, उसकी बाइक नहीं मिली। बाइक को पार्किंग में ना देखकर युवक के होश उड़ गए। युवक ने इधर-उधर बाइक को ढूंढने का काफी प्रयास किया। बाइक ना मिलने पर युवक ने जिला अस्पताल प्रशासन और पुलिस को शिकायत दर्ज कराई।।बाइक चोरी होने की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जांच पड़ताल शुरू की और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए।

जिला अस्पताल से तीसरी बाइक चोरी

लगभग 1 हफ्ते में जिला अस्पताल से बाइक चोरी की यह तीसरी घटना है। अज्ञात चोर ने जिला अस्पताल से अब तक तीन बाइक चोरी कर ली हैं और आधा दर्जन से अधिक बाइक के ताले तोड़े जा चुके हैं। शुक्रवार को एक मरीज अपना इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल आया था। जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग की पार्किंग में उसने गाड़ी खड़ी की। चिकित्सीय परामर्श लेने के लिए चला गया। जब वह चिकित्सीय परामर्श लेकर लौटा तो पार्टी में उसकी बाइक नहीं थी, उसकी बाइक चोरी हो गई थी।

सीसीटीवी में कैद हुआ बाइक चोर

जिला अस्पताल से बाइक चोरी होने की सूचना जैसे ही पुलिस कोई पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई। जिला अस्पताल आने के बाद सबसे पहले पुलिस ने पीड़ित से पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। जिला अस्पताल की सीसीटीवी कैमरा में अज्ञात चोर कैद हो गया है। अज्ञात चोर मेन गेट से एंटर कर रहा है और एंटर करते वक्त एक बुर्के वाली महिला से बात करता है। कुछ देर बाद करने के बाद वह अंदर ओपीडी की ओर बढ़ता है और फिर कुछ देर बाद बाहर निकलने के बाद पार्किंग से 1 अपाचे बाइक चोरी करके फरार हो जाता है। बाइक चोर की यह करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई सीसीटीवी में बाइक चोर स्पष्ट दिखाई दे रहा है जिस पर अब पुलिस ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है।

जिला अस्पताल प्रशासन ने दी सफाई

सीएमएस अनीता शर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जिला अस्पतालों की पार्किंग ठेके खत्म किए जा चुके हैं जिसके चलते वह पार्किंग का ठेका नहीं दे सकते। जिला अस्पताल की सुरक्षा के लिए उन्हें प्रशासन से होमगार्ड मिलते हैं लेकिन वह सुबह के समय ओपीडी में तैनात कर दिए जाते हैं जिससे ओपीडी के बाहर झगड़ा ना हो और सभी को इलाज मिल सके। पार्किंग में भी एक-दो होमगार्ड लगाए जाते हैं लेकिन उनको पता ही नहीं लग पाता है कि जो बाइक लेकर जा रहा है वह उसका असली स्वामी है या नहीं।

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