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सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र की बड़ी लापरवाही, खुले में गर्भवती महिला का हुआ प्रसव

by pawan sharma

आगरा। प्रदेश और केंद्र दोनो ही सरकार चिकित्सा क्षेत्र में करोड़ो रूपये खर्च कर एक गरीब व आम व्यक्ति और प्रसूता महिलाओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का प्रयास कर रही है लेकिन सरकार की इस मंशा का खुले आम मजाक उड़ाया जा रहा है। ऐसा ही कुछ हाल आगरा जनपद के कस्बा पिनाहट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला, जहां एंबुलेंस कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक प्रसूता महिला को खुले मैदान में अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा और कोई भी स्वास्थ्य कर्मी प्रसूता महिला की देखरेख को नहीं पहुंचा। ग्रामीण महिलाओं ने चारों तरफ से ढककर प्रसूता के बच्चे को जन्म देने में प्रयास किया। इस घटना ने चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लगे चिकित्सकों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है।

जानकारी के अनुसार उमा पत्नी संजू 28 वर्ष निवासी श्यामलाल का पुरा को बुधवार को सुबह प्रसव पीड़ा हुई। प्रसूता महिला की हालत को बिगड़ता देख परिजनों ने सरकारी एंबुलेंस को सूचित किया। प्रसूता महिला के परिजनों का आरोप है के पहले तो सूचना पर एंबुलेंस काफी देर बाद पहुंची, उसके बाद वह एंबुलेंस से प्रसूता को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिनाहट पहुंचे तो एंबुलेंस कर्मियों ने लापरवाही दिखाते हुए प्रसूता महिला को मैदान परिसर किनारे रोड पर ही छोड़कर भागने लगे।

महिला के पति और उसके परिजनों ने महिला को परिसर तक पहुंचाये जाने का निवेदन करते रहे लेकिन एंबुलेंस कर्मियों ने उनकी एक न सुनी और वह प्रसूता को रोड पर उतरकर एंबुलेंस लेकर भाग गए। एम्बुलेंस चालको के भागने पर प्रसूता के परिजन स्वाथ्य केंद्र परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाने के लिए गए लेकिन मौके पर कोई नर्स और स्टाफ के साथ स्वास्थ्य कर्मी नहीं पहुंचा।

प्रसूता की स्थिति देखकर क्षेत्रीय महिलाओं ने मोर्चा संभाला और अस्पताल परिसर में मौजूद महिलाओं के साथ प्रसूता को चारों तरफ से घेरा और महिला ने खुले मैदान में प्रसव कराया। प्रसूता ने रोड किनारे खुले में ही एक नन्ही बच्ची को जन्म दिया।

बाद में परिजनों ने महिला को किसी तरह अस्पताल परिसर में बेड तक पहुंचाया। इस पूरी लापरवाही पर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया और एंबुलेंस कर्मियों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। प्रसूता महिला के परिजनों ने इस लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग के उच्च कर्मियों से शिकायत करने की बात कही है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है, वहीं इस परिसर में प्रसूता का खुले में प्रसव और बच्चे को जन्म देने कोई नया मामला नहीं है। यहां स्वास्थ्य कर्मियों की मनमर्जी से अस्पताल परिसर की व्यवस्थाएं पूरी तरह ठप हो चुकी है। पूर्व में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई मामले लापरवाही के सामने आए थे जो स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती नजर आ रही है।

परिसर में पूर्व में कई महिलाओं ने खुले में बच्चे को जन्म दिया है इसके बाद भी कार्रवाई होने पर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है और कार्रवाई नहीं होती है जिसकी वजह से स्वास्थ्य कर्मियों के हौसले बुलंद हैं। ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई होना लाजमी है। सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य परिसर में रात के समय कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं रहता। इमरजेंसी सेवाओं में ग्रामीणों को प्राइवेट और झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है जिसके कारण हुआ है मौत और जिंदगी के बीच झूलते हैं, आखिर ऐसे लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी।

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