कोरोना के इलाज के लिए जारी पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल पर एक बार फिर विवाद बढ़ गया है। पतंजलि की इस दवा को लेकर रजत शर्मा, ज़ी न्यूज़ और खुद बाबा रामदेव पर #टैग टि्वटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। अब अरेस्ट बाबा रामदेव का #टैग भी ट्रेंड करने लगा है। दरअसल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने दवा के क्लीनिकल ट्रायल और उसकी प्रामाणिकता को लेकर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के प्रति गुस्सा जाहिर किया है। आइएमए का आरोप है कि भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) के नियमों को डॉ हर्षवर्धन ने तोड़ा है। अलावा इसके इस दवा को बहकाने वाली दवा कहा है ।
अब इस बात पर भी सवाल उठना शुरू हो गए हैं कि एक निजी कंपनी की दवा के लिए डॉक्टर हर्षवर्धन सहित दो केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। साथ ही उस कार्यक्रम में यह दावा भी किया कि डब्ल्यूएचओ ने इसे प्रमाणित किया है। जबकि डब्ल्यूएचओ का कोई प्रमाण पत्र चिकित्सा जगत के बीच में मौजूद ही नहीं है। दरअसल डब्ल्यूएचओ यूं ही दवा के लिए प्रमाण पत्र जारी नहीं करता उसके कुछ मानक होते हैं।अब कोरोनिल पर आरोप लगाया जा रहा है कि यह दवा बहकाने वाली है और इससे कोरोनावायरस घटेगा नहीं बल्कि बढ़ेगा।

डब्ल्यूएचओ द्वारा टि्वटर हैंडल से यह जानकारी साझा की गई थी कि पारंपारिक तरीके से बनाई गई किसी भी दवा की डब्ल्यूएचओ द्वारा समीक्षा नहीं की गई है और ना ही कोई प्रमाण पत्र जारी किया गया है। वहीं तस्वीरों में खड़े दिख रहे डॉक्टर हर्षवर्धन खुद डॉक्टर है और एमसीआई में रजिस्टर्ड भी हैं इसलिए ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत वे किसी दवा को प्रोत्साहित नहीं कर सकते। इसके बाद भी वह आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे और कार्यक्रम के दौरान यह दावा भी किया कि यह कोरोना के इलाज के साथ-साथ बचाव में भी काफी कारगर है।जबकि इस दवा के ट्रायल के विषय में कोई भी साक्ष्य सामने नहीं आया है। साथ ही संभावना इस चीज की बनी हुई है कि अगर यह दवा इतनी कारगर है तो लोग टीका नही लगाएंगे , जिससे केंद्र सरकार का टीकाकरण अभियान संकट में पड़ सकता है।
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