Agra. कुष्ठ रोग को अभिशाप समझा जाता है, इस कारण कुष्ठ रोगियों से लोग भेदभाव करते हैं, जबकि कुष्ठ रोग कोई अभिशाप नहीं बल्कि बैक्टीरिया जनित रोग है। कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि कुष्ठ रोग जागरुकता दिवस के रूप में मनाई गई। जनपद की शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य इकाईयों पर विश्व कुष्ठ दिवस मनाया गया। इस मौके पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने जिले से कुष्ठ रोग को खत्म करने के लिए शपथ ली। कार्यक्रम में डीएम द्वारा भेजे गए घोषणा पत्र को पढ़ा गया।
गांधी ग्राम्य कुष्ठ आश्रम और कुष्ठ सेवा सदन ताजगंज आगरा में कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को एमसीआर चप्पल और सेल्फ केयर किट, बैसाखी, जनरल दवाई का वितरण किया गया। जिला कुष्ठ अधिकारी डा.संत कुमार ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में उप जिला कुष्ठ रोग अधिकारी धु्रव गोपाल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.संजीव बर्मन समेत अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
जीवनीमंडी नगरी स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा द्वारा कुष्ठ रोग निवारण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने रैली निकालकर कुष्ठ रोग के निवारण के लिए जागरूक किया। कुष्ठ रोगियों से भेदभाव नहीं करने की अपील की। जीवनी मंडी नगरी स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ के साथ कुष्ठ को जड़ से खत्म करने के लिए शपथ ली।
कुष्ठ रोगी की पहचान:-
पीबी-यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर एक से पांच तक सुन्न चकत्ते हो। जिसका रंग त्वचा के रंग से हल्का या लाल हो।
एमबी-यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर कहीं भी 05 से अधिक सुन्न त्वचा से हल्के या लाल रंग के चक्कते हो।
कुष्ठ रोग की जानकारी:-
1:- कुष्ठ रोग छूआछूत का रोग नहीं है।
2:- कुष्ठ रोग अनुवांशिक बीमारी नहीं है।
3:- यह एक जीवाणु से फैलता है,जो पूर्णतया ठीक होने वाला रोग है।
4:- सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है।
5:- कुष्ठ रोग पूर्व जन्म का पाप या अभिशाप नहीं है।
6:- कुष्ठ रोग का पता चलते ही तुरन्त इलाज कराने से विकलांगता से बचा जा सकता है।
7:- कुष्ठ की जांच एवं उपचार सभी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क होती है।
उपचार:-
पीबी- पौसी बेसिलरी छह माह तक इलाज
एमबी- मल्टी बेसिलरी 12 माह तक इलाज