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ताज़ व्यू पॉइंट पर काव्य सम्मेलन का श्रोताओं ने उठाया आनंद, एडीए वीसी राजेन्द्र पैंसिया ने भी सुनाई भावुक कविता

by admin
Audience enjoyed poetry conference at Taj View Point, ADA VC Rajendra Pansia also recited sentimental poem

आगर। मेहताब बाग स्थित ताज व्यू प्वाइंट पर बुधवार की शाम मोहब्बत की भावना को समर्पित संगीत और कवि सम्मेलन का आगाज हुआ। एडीए की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया। 2 घंटे तक चले इस आयोजन का शुभारंभ विख्यात गायक सुधीर नारायण द्वारा किया गया। उन्होंने नजीर की नज़्म और अटल जी का गीत भी प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद मंच से काव्य पाठ की बहार बही। एडीए वीसी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने भी काव्य पाठ किया। उनके द्वारा प्रस्तुत कविता ‘जब फूलों में हो जाता है डाली के प्रति आदर कम, तब खुलते हैं गांव-गांव और नगर नगर में वृद्ध आश्रम’ को श्रोताओं द्वारा जमकर सराहा गया। कवि सोम ठाकुर ने ‘नफरत का सिक्का खोटा है’ और उसके बाद मेरे ‘भारत की माटी है चंदन और अबीर’ सुना कर कवि सम्मेलन में चार चांद लगाए।

सुशील सरित ने ‘इतने मेरी मुस्कान से तुम धोखा न खाओ, यह मत समझो कि मुझको गम नहीं है, चलो बतला दे तुमको क्या गम है, मुझको यही गम है कि मुझको गम नहीं है’, भावना दीपक मेहरा ने ‘हर घड़ी तीरगी नहीं होती जब शमा बिजली नहीं होती’ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। डॉ रुचि चतुर्वेदी ने ‘प्रेम तुलसी के दल सी सजी राधिका हर निधिवन बसी कृष्ण की बांसुरी एक उंगली पर गिर्राज को धर लिया’, अमीर अहमद ने ‘हो पैदा मुल्क में फसलें मोहब्बत में ऐसे भी जुड़ना चाहता हूं’ और डॉक्टर त्रिमोहन तरल ने ‘अगर आंसू नहीं होते हमारे दिल का क्या होता’ सुनाकर खूब तालियां बटोरी।

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