Agra. शनिवार का दिन आगरा जिले के किसानों के लिए खुशी लेकर आया। खेती को उन्नत बनाने और किसानों को उन्नति की ओर ले जाने के लिए बटेश्वर में अब से हर वर्ष कृषि मेला लगा करेगा। यह कृषि मेला देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर होगा। इस कृषि मेले को अटल कृषि मेला के नाम से जाना जाएगा। यह कहना था कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का जो आगरा के बटेश्वर में आयोजित कृषि मेले में किसानों को संबोधित कर रहे थे।
शनिवार को आगरा आए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बटेश्वर में 3 दिनों तक चलने वाले कृषि मेला का उद्घाटन किया। इससे पहले उन्होंने बटेश्वर मंदिर में भगवान भोले की पूजा अर्चना की और उसके बाद दीप प्रज्वलित कर किया कृषि मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान भाजपा नेता किसान और क्षेत्र लोगों ने उनका जोरदार स्वागत सत्कार किया। इस स्वागत सत्कार को देखकर कृषि मंत्री काफी उत्साहित नजर आए। कृषि मेले के दौरान इस मेले में लगाई गई खेती से संबंधित स्थलों का भी कृषि मंत्री ने अवलोकन किया।
इस दौरान उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी और योगी की सरकार किसान, मजदूर, गरीब के हित में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हर साल छह हजार किसानों के खाते में पहुंच रही है। किसान के अनाज का मूल्य चार सौ रुपये बढ़ा है। किसान ऋण योजना एवं बीज पर पचास फीसद अनुदान मिल रहा है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि खेती को उन्नत बनाने और किसानों को उन्नति की ओर ले जाने के लिए बटेश्वर में तीन दिवसीय मेले का आयोजन हो रहा है। तीन दिवसीय विराट कृषि मेला एवं कृषि प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि संबंधित विभाग अपनी स्टाल लगाइ हैं। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र और दूसरे स्थानों के कृषि विशेषज्ञ किसानों को सह फसल, मेड़ पर पेड़ लगाने के फायदे, फसल चक्र और पशुपालन के महत्व के बारे में किसान जानकारी ले सकेंगे।
जिला कृषि अधिकारी डा. रामप्रवेश ने बताया कि छह से आठ मार्च तक आयोजित होने वाले मेले में विभागीय मंत्री, स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। सरकार चाहती है कि किसानों की आय दोगुनी हो और वे देश को विकास की ओर ले जाने की प्रमुख कड़ी बनें। कृषि मेले में किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है। वे कम पानी में बेहतर उत्पादन, स्थानीय मृदा की स्थिति के अनुसार कौन सी फसल करनी है, ये सब जानकारी दे रहे हैं। किसानों को विभिन्न योजनाओं, उत्पादों की जानकारी देने के लिए स्टाल लगाइ गइ हैं। इसके साथ ही किसानों को जैविक उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।