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एआरएम रोड़वेज रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार

by admin

आगरा। रोडवेज में भ्रष्टाचार इस चरम पर पहुँच चुका है कि अब चालकों से रूट पर बस दौड़ाने के नाम पर रिश्वत तक मांगी जा रही है। आज रोडवेज विभाग के अहम पद पर बैठे अधिकारी ही अपने विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा मैनपुरी रोडवेज में देखने को मिला। विभाग के उच्च पद पर तैनात साहब को ऊपर की मलाई जमकर खा रहे थे। बस स्‍टैंड से आने-जाने वाली हर बस से अवैध वसूली उनकी आदत बन चुका था। रोडवेज कर्मचारी भी तंग आ चुके थे। इस अधिकारी से अजीज आ चुके एक कर्मचारी ने इसकी शिकायत एंटी करप्‍शन टीम से कर दी। टीम ने भी पूरा जाल बिछाया और एआरएम रोडवेज हरिदास को रंगे हाथ दबोच लिया।

मैनपुरी में एंटी करप्‍शन टीम ने सुबह नौ बजे करीब अपना जाल बिछाया। एआरएम रोडवेज हरिदास रोजाना की तरह अपनी अवैध वसूली में मशगूल थे। उन्‍हें भनक तक नहीं लगी कि मुसीबत सिर पर खड़ी है। संविदा परिचालक सत्यदेव ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी कि एआरएम हरीदास रूट परिवर्तन के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे है। सुबह करीब 9:30 बजे एआरएम हरिदास ने संविदा परिचालक से रिश्‍वत के 6000 रुपये वसूल लिए। नोटों पर स्‍याही लगी थी, एंटी करप्‍शन टीम ने छापा मारा तो हरिदास सकपका गया। पहले तो अपने रुआब से टीम को दबाव में लेने की कोशिश की लेकिन टीम ने जब सारे सबूत सामने रख दिए तो हरिदास की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। टीम ने एआरएम के हाथ धुलवाये और सारा सच सामने आ गया। टीम ने तुरंत एआरएम को अपनी हिरासत में ले लिया और मैनपुरी कोतवाली ले गई है जहां एआरएम के खिलाफ मुकदमा लिखवाया गया।

रोडवेज बस चालक सत्यदेव यादव के मुताबिक उसका रूट मैनपुरी से दिल्ली का कर दिया था। उसने एआरएम से रिक्वेस्ट करते हुए खुद के छोटे बच्चे होने का हवाला दिया और रूट परिवर्तन करने के लिए कहा। इस पर एआरएम ने कहा ठीक है, काम हो जाएगा, लेकिन कुछ खर्चा करना पड़ेगा। एआरएम ने इसके लिए 10 हजार रुपये मांगे। बाद में बात छह हजार पर बात तय हुई। ड्राइवर के मुताबिक उसने छह हजार रुपए में बात तय कर आगरा में एंटी करप्शन टीम से मुलाकात की। उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने आज एआरएम को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, आगरा के इंस्पेटर आरबी सिंह ने बताया कि बस चालक की शिकायत के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने एआरएम हरिदास को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। गुरुवार को एआरआम ने बस चालक को अपने आवास पर बुलाया। जैसे ही उन्होंने नोट गिनने शुरू किए, तभी उन्हें पकड़ लिया गया। नोटों पर स्याही लगाई गई थी, जिसके निशान हरिदास की अंगुलियों पर आ गए।

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