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बैंक पीओ की परीक्षा पास कर आगरा में होनी थी नियुक्ति, तभी हुआ ऐसा ख़ुलासा कि पहुंच गया जेल

by admin
Appointment was to be done in Agra after passing the exam of Bank PO, only then it was revealed that the jail reached

आगरा। राजस्थान के दौसा में रहने वाले एक युवक ने बैंक पीओ की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में साल्वर बैठाया था। चार लाख रुपये में साल्वर ने दोनों परीक्षाओं में पास करा दिया। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद केनरा बैंक में सत्यापन और बायोमैट्रिक मिलान के दौरान मामला खुल गया। इसके बाद आरोपित के खिलाफ हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।

फर्जी तरीके से भर्ती हुआ

केनरा बैंक के मंडल प्रबंधक लोकचंद की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुदकमे के अनुसार, राजस्थान के दौसा में नौरंगपुर, रामगढ़ निवासी रामनिवास मीणा फर्जी तरीके से बैंक तरीके से भर्ती हुआ था। रामनिवास मीणा ने 8 नवंबर 2021 को आवेदन किया था। 11 दिसंबर 2021 को उसे प्रवेश पत्र दिया गया। लखनऊ में दो बार परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा टीसीएस कंपनी ने आयोजित कराई थी। 22 जनवरी 2022 को मुख्य परीक्षा हुई। रामनिवास मीणा का सेंटर लखनऊ में था। रामनिवास मीणा इसमें पास हो गया।

आगरा में ज्वाइन करना था

कनिष्ठ प्रबंधक ग्रेड स्केल-1 में उसे 24 मई 2022 को नियुक्त पत्र दे दिया गया। उसे आगरा में ज्वाइन करना था। ज्वाइनिंग से पहले प्रमाणपत्र का सत्यापन और बायोमीट्रिक कराई जाती है। 22 जून को नवनियुक्त परिवीक्षाधीन अधिकारी (पीओ) को मूल प्रमाण पत्र एवं बायोमैट्रिक के लिए केनरा बैंक के लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर में बुलाया गया था। बायोमैट्रिक मिलान नहीं हुआ।

सवाल-जवाब किए और लिखित मांगा

इसके बाद उस पर शक हो गया। रामनिवास मीणा से सवाल-जवाब किए गए और लिखित जवाब मांगा गया। इसके बाद वह घबरा गया। उसने बताया कि चार लाख रुपये में उसने साल्वर को दोनों परीक्षाओं में बैठाया था। साल्वर ने पास होने के बाद उससे कहा था कि जाकर ज्वाइन कर लो। इसके बाद मुकदमा दर्ज करा दिया गया।

धोखाधड़ी के आरोप में भेजा जेल

इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि आरोपित को धोखाधड़ी की धाराओं के तहत जेल भेजा गया है। साल्वर के बारे में अभी आरोपित ने जानकारी नहीं दी है। कहा कि वह उसे नहीं जानता। उसने तो सिर्फ पास होने का ठेका दिया था।

परीक्षा टीसीएस कंपनी ने आयोजित कराई थी। परीक्षा के सीसीटीवी फुटेज कंपनी के पास सुरक्षित हैं। पुलिस कंपनी से सीसीटीवी फुटेज लेगी। उसके आधार पर साल्वर की पहचान की जाएगी। मुकदमे में साल्वर भी आरोपित बनाया जाएगा। पुलिस उसे भी जेल भेजेगी।

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