आगरा। आवारा पशुओं की समस्याओं से पूरे जिले का किसान जूझ रहा है, किसानों की खेती बर्बाद हो रही है तो रखवाली के लिए किसान रात भर जागकर अपने खेत की पहरेदारी कर रहा है। किसानों द्वारा आवारा पशुओं को प्राथमिक विद्यालय में बंद कर अपना आक्रोश जताया जा रहा है लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार को किसानों की इस समस्या से कोई सरोकार नहीं है। सोमवार को बाह विधानसभा की ग्राम पंचायत प्रतापपुरा में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
आवारा पशुओं द्वारा अपनी बेकार होती खेती को देख आक्रोशित किसानों ने आवारा पशुओं की घेराबंदी कर नलकूप विभाग की सरकारी जमीन जिस पर पानी की टंकी बनी हुई है उसमें बंद कर दिया। किसानों ने लगभग 200 पशुओं को नलकूप की जमीन पर बांध दिया और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
आवारा पशुओं को बंद किए जाने और प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित पहुंच गई। कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने किसानों की समस्या को गंभीरता से सुना और पुरजोर तरीके से इस समस्या से स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया। जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित ने मौके पर ही फोन पर एसडीएम से वार्ता की तो एसडीएम ने इस पूरे मामले को बीडीओ पर डाल दिया। किसानों के प्रदर्शन और जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित के पहुंचने की सूचना मिलते ही बीडीओ और तहसीलदार मौके पर पहुंच गए और इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।
बताते चलें कि ग्राम पंचायत प्रतापपुरा में आवारा पशुओं का आतंक है। आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या ने किसानों को चिंतित कर दिया है, क्योंकि आवारा पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। बताया जाता है कि हाल ही में इन आवारा पशुओं ने लगभग 14 बीघा किसानों की फसल बर्बाद कर दी है जिससे आक्रोशित होकर लगभग सात-आठ गांव के किसानों ने इन गांव के सभी आवारा पशुओं को घेरकर नलकूप विभाग की टंकी वाली जमीन पर बंद कर दिया है।
किसानों ने बताया कि आवारा पशुओं से अपनी खेती की रखवाली करने के दौरान अज्ञात चोरों ने एक साथी किसान के घर को अपना निशाना बना दिया। अपनी फसल की रखवाली करने के लिए पीड़ित किसान अपने परिवार के साथ खेत पर गया और पीछे से अज्ञात चोरों ने घर में चोरी की वारदात को अंजाम दे दिया। कुछ किसान तो अपनी फसल को बचाने के लिए इन आवारा पशुओं का शिकार भी बन चुके हैं।
मौके पर पहुंची जिला अध्यक्ष कांग्रेस मनोज दीक्षित का कहना था कि मौके पर बीडीओ और तहसीलदार पहुंचे थे। दोनों ही अधिकारियों ने इस समस्या को गंभीरता से लिया लेकिन इस समस्या का उचित समाधान ना होने पर अपनी बेबसी जता दी। उनका कहना था कि आवारा पशुओं को पकड़ने और उन्हें रखने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। मनोज दीक्षित का कहना है कि एडीएम से इस समस्या का आश्वासन मिला है अगर मंगलवार को इन आवारा पशुओं को प्रशासन ने इस गांव से गौशालाओं में नहीं भेजा तो किसानों के साथ आंदोलन होगा और सभी आवारा पशुओं को ब्लॉक और तहसील परिसर में बंद दिया जाएगा।