- चाइल्ड केयर वेलफेयर सोसायटी के संस्कार शिविर में दिया जा रहा है वैदिक ज्ञान
- 15 दिवसीय शिविर लगा है नगला बूढ़ी स्थित महाकालेश्वर मंदिर में
- आर्य समाज के विशेषज्ञों ने बच्चों को सिखाया वैदिक हवन करना
- प्रतिदिन पंडित सुनील शास्त्री सिखा रहे हैं श्रीमद् भगवत गीता का पाठ
आगरा। यदि आदर्श देश और समाज की कल्पना करनी है तो वर्तमान की पीढ़ी को संस्कारों से पोषित करना ही होगा। संस्कारों के बीज को रोपित करने का ये कार्य कर रही है चाइल्ड केयर वेलफेयर सोसायटी।
नगला बूढ़ी, दयालबाग स्थित महाकलेश्वर मंदिर में चाइल्ड केयर वेलफेयर सोसायटी द्वारा संस्कार शिविर लगाया गया है। शिविर में नगला बूढ़ी, खलीचपुरा, ओम नगर जैसी बस्तियों में रहने वाले करीब 80 बच्चे सनातन संस्कारों सहित आधुनिक विधाओं का पाठ पढ़ रहे हैं। 15 दिवसीय शिविर में सोमवार को आर्य समाज की सुमन जग्गी द्वारा वैदिक हवन की विधि को बच्चों को सिखाया गया। मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन में आहुति करना बच्चों ने सीखा। साथ ही बच्चों को हवन का वैज्ञानिक महत्व भी बताया गया।
अध्यक्ष नीना सिंघल ने बताया कि संस्था विगत 20 वर्षों से मलीन बस्तियों के बच्चों तक आदर्श शिक्षा पहुंचाने का कार्य कर रही है। बस्तियों में रहने वाली महिलाओं के स्वरोजगार केंद्र एवं प्रौढ़ शिक्षा केंद्र भी सोसायटी संचालित करती है।
सचिव पूनम लाहौटी ने बताया कि संस्कार शिविर का प्रतिदिन आरंभ डौली शर्मा प्राणायाम के साथ करवाती हैं। पंडित सुनील शास्त्री द्वारा गीता का पाठ सिखाया जाता है। कहानियों के माध्यम से बच्चों को रामायण और महाभारत के महान पात्रों से परिचित भी कराया जाता है।
पंडित सुनील शास्त्री ने बताया कि वर्तमान पीढ़ी को यदि हम भारतीय संस्कृति के महान पात्रों से जोड़ेंगे तो उनके आदर्श स्थापित हो सकेंगे।
सहसचिव तपस्या बसंल और कोषाध्यक्ष उमा अग्रवाल ने बताया कि आगामी दिनों में आर्ट आफ लिविंग की कार्यशाला भी होगी, ताकि बच्चे तनावमुक्त होकर परकल्याण की भावना को समझ सकें।
शिविर में बच्चों को आधुनिक शिक्षा हेतु आर्ट एंड क्राफ्ट, पेंटिंग, इंग्लिश स्पीकिंग भी सिखाई जा रही है। शिविर में बच्चों को प्रतिदिन विभिन्न प्रकार का स्वल्पाहार भी दिया जा रहा है। शिविर की व्यवस्थाएं मुक्ता गुप्ता, डौली शर्मा, अध्यापिका ससाधना, सविता, शिखा, रेनू, सोनू आदि संभाल रही हैं।