Agra. आगरा शहर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हर क्षेत्र में आगरा के वाशिंदे कमाल दिखा रहे है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक शहर के युवकों ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है और शहर का नाम रोशन कर फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल किया है। अपनी बेहतरीन अभिनय के चलते अब आगरा का एक और लाल श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के जीवन पर बन रही बायोपिक फ़िल्म ‘800’ में मुथैया मुरलीधरन का किरदार निभाएंगे और उनकी फिरकी का जादू दिखाएंगे।
फ़िल्म ‘800’ में मुथैया मुरलीधरन का किरदार निभाने वाला आगरा का लाल मधुर मित्तल हैं जिसने हॉलीवुड की फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। स्पिनर के जादूगर कहे जाने वाले श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की बायोपिक में लीड रोल मिलने से मधुर के पिता काफी उत्साहित है।
विजय सेतुपति के हटने से मिला लीड रोल
मधुर मित्तल के पिता महेश कुमार मित्तल ने बताया कि मुरलीधरन की बायोपिक की कास्टिंग पिछले साल शुरू हुई थी। इस फ़िल्म के लिए मधुर ने भी टेस्ट दिया था। मधुर को मुरलीधरन के शुरुआत जीवन के लिए कास्ट किया गया और लीड रोल साउथ के मशहूर एक्टर विजय सेतुपति को मिला लेकिन फिल्म के शुरुआत होने से पहले किन्हीं कारणों से उन्हें फिल्म से हटना पड़ा। इसके बाद मधुर को मुरलीधरन के 18 साल से 40 साल तक की उम्र के रोल के लिए कास्ट किया गया।
मुरलीधरन ने खुद किया कास्ट
मधुर के पिता बताते हैं कि मुरलीधरन के रोल को करने के लिए अंतिम मुहर खुद मुरलीधरन ने लगाई थी। जब उनकी कास्टिंग हो गई थी तो उसके बाद फाइनल मुहर मुरलीधरन को लगानी थी। इसके लिए मधुर और मुरलीधरन की चेन्नई के होटल में मुलाकात हुई थी। करीब आधे घंटे की मुलाकात के बाद मुरली ने उन्हें अपना किरदार निभाने के लिए फाइनल किया। इसके बाद मधुर की ट्रेनिंग शुरू हुई।
मुरलीधरन का लीड रोल बड़ी जिम्मेदारी
मधुर के पिता कहते है कि खुद अपने रोल के लिए मुरलीधरन ने मधुर को सेलेक्ट किया तो इस रोल के प्रति मधुर की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गयी। मुरलीधरन के जैसे दिखने और उनकी जैसी फिजिक के लिए मधुर ने खूब मेहनत की। उनके खानपान, मुरली जैसा लुक और उनके बॉलिंग एक्शन पर ट्रेनर ने करीब तीन महीने तक मेहनत की गई। फिल्म के लिए उन्होंने तमिल भाषा भी सीखी। इसके बाद जब वो परफेक्ट हो गए तो फिल्म की शूटिंग शुरू हुई। उन्होंने बताया कि फिल्म में मुरलीधरन जैसा बॉलिंग एक्शन करना था, लेकिन उनके जैसे आंख नहीं निकाली थीं।
पहले दिल्ली फिर मुंबई
आगरा के खंदारी स्थित आजाद नगर के गली नंबर पांच में मधुर मित्तल का परिवार रहता है। पिता ने बताया कि मधुर को बचपन से डांस का बहुत शौक था। पांच साल की उम्र में उन्होंने अपने डांस से सबकी वाहवाही लूटी। ऐसे में उन्होंने बेटे को अच्छा प्लेटफॉर्म देने के लिए दिल्ली ले जाने का फैसला लिया। वो 1995 में दिल्ली पहुंचे। वहां पर मधुर स्टेज शो करने लगा। जब दिल्ली में लोगों ने उसके डांस को देखा तो कहा कि इस बच्चे का टैलेंट मुंबई के लिए है। यहां पर उसकी कद्र नहीं है। ऐसे में वो उसे लेकर जून 1996 में मुंबई पहुंच गए। मुंबई में उनकी स्ट्रगल शुरू हुई। वो बेटे को लेकर डायरेक्टर के आफिस जाते थे, लेकिन काम नहीं मिला। वो बडे़-बडे़ कोरियोग्राफर अहमद खान, गणेश हेगडे़, गणेश आचार्य के पास जाते थे, लेकिन उनको कहीं जगह नहीं मिली। यहां पर गणेश हेगडे़ ने उनका टैलेंट देखकर उन्हें रिहर्सल करने की परमिशन दे दी। मुधर को पहली फिल्म गणेश हेगडे़ की सिफारिश से मिली थी। ये फिल्म कहीं प्यार न हो जाए थी।
स्लम डॉग मिलेनियर से मिली नई पहचान
मधुर मित्तल ने बॉलीवुड में मुकाम हासिल करने के लिए खूब स्ट्रगल किया जो रंग भी लाया। मधुर के हाथ हॉलीवुड फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर लगी। इस फ़िल्म ने मधुर की जिंदगी बदल दी। इसमें मधुर ने सलीम नाम के लड़के का किरदार निभाया था। इसके बाद से वे कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं। वेब सीरीज हाई, मत्स्या कांड में भी काम किया।
बायोपिक का पहला पोस्टर हुआ लांच
दुनिया भर में श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन पिच पर घूमती अपनी गेंदों के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी फिरकी का जादू ऐसा है कि अक्सर बड़े से बड़ा बल्लेबाज भी मात खा जाता है। रनअप के दौरान कुछ अलग तरह से गेंद पकड़ने वाले मुथैया की मुरली की असल तान तब सुनने को मिलती है जब गेंद हाथ से छूटने से पहले उनकी अंगुलियों के बीच अपनी जगह बदलती है और इसके बाद उनका जो फॉलो थ्रू तक असर है, वह बस देखकर ही समझा जा सकता है। दुनिया के महानतम गेंदबाजों में शुमार मुथैया मुरलीधरन का ये करिश्मा अब बड़े परदे पर अपना कमाल दिखाने को बेताब है। उनके जीवन पर बनी फिल्म ‘800’ रिलीज की तैयारी में हैं।उनके जन्मदिन पर इस फिल्म का पहला पोस्टर रिलीज किया गया।
फ़िल्म का नाम 800 रखने की ये है वजह
मुथैया मुरलीधरन पर बन रही फिल्म का नाम ‘800’ है। फ़िल्म का नाम 800 रखे जाने के पीछे की वजह भी खास है। मुरली के टेस्ट मैच में विकेटों की संख्या 800 है इसलिए फ़िल्म का नाम भी 800 रखा गया है।
मुथैया मुरलीधरन का दिखेगा संघर्ष
जानकारी के मुताबिक श्रीलंका के करिश्माई गेंदबाज मुरलीधरन का ताल्लुक भारत के तमिलनाडु राज्य से रहा है। उनके पूर्वज भारतीय थे जिन्हें अंग्रेजों ने श्रीलंका में चाय के बागानों में मजदूरी के लिए भेज दिया था। “फिल्म ‘800’ महज़ मुरली के क्रिकेट करियर की दास्तां को ही बयां नहीं करेगी बल्कि उनकी इंसानी हौसले और उसके जज्बे को भी बखूबी बयां करेगी। फिल्म की कहानी एक आम इंसान के दृढ़निश्चय, मेहनत और लगन से सभी बाधाओं को पार कर दुनिया का नंबर वन गेंदबाज बनने की कहानी बयां करेगी।
बेटे के लिए गर्व की बात
मधुर के पिता का कहना है कि बेटा फ़िल्म ‘800’ में मुरलीधरन का किरदार निभा रहा है। “मुरलीधरन जैसी दिग्गज शख़्सियत के किरदार को पर्दे पर जीवंत करना मधुर को गर्व और ख़ुशी दी है। मुरलीधरन को अभीतक महान क्रिकेटर के तौर पर सभी जानते हैं लेकिन अब लोग फ़िल्म के माध्यम से उनकी ज़िंदगी और संघर्षों को मात देने का सफ़र को जान पाएंगे जो आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
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