आगरा। वर्ल्ड हेरिटेज सिटी को लेकर कमिश्नरी सभागार में शनिवार शाम को कमिश्नर अनिल कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें सांसद, विधायकों और पार्षदों के साथ चर्चा की गई, जिसमें जनप्रतिनिधियों ने निर्माण, प्रतिबंध पर आशंकाएं जाहिर की।
बैठक में नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि रिट पिटीशन संख्या 13381/1984 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगरा को हेरिटेज सिटी घोषित किए जाने के संबंध में कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए थे, जिसके सेप्ट (सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी) विश्वविद्यालय अहमदाबाद से प्री-फ्रीजिबिलिटी स्टडी कराई गई।
सेप्ट विश्वविद्यालय ने अंतिम रिपोर्ट में धरोहर प्रबंधन के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में एडहॉक हेरिटेज एडवाइजरी कमेटी के गठन की संस्तुति की है। यह कमेटी धरोहर संपत्तियों की मैपिंग, लिस्टिंग एवं असेसमेंट, धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ाना एवं कैपेसिटी बिल्डिंग के काम करेगी।
ताजमहल से लेकर रामबाग के नजदीक 32 खंभा तक 12.5 किमी लंबे यमुना रिवर फ्रंट को ही वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) को प्रस्ताव भेजा जाएगा। हेरिटेज सिटी बनने पर इस क्षेत्र की हवेलियों, पुराने मकानों को सहेजा जाएगा।
यूनेस्को द्वारा हेरिटेज सिटी घोषित करने के साथ ही धरोहरों के संरक्षण और उनके आसपास की सूरत बदलने पर दुनिया भर के सैलानी अधिक आकर्षित होंगे। शहर की कला, सभ्यता और संस्कृति हेरिटेज सिटी क्षेत्र में भवनों के साथ व्यवहार में भी नजर आएगी। इसके साथ ही शहर के लोगों में भी अपनी धरोहरों के प्रति संजीदगी आएगी। मसलन पुरानी इमारतों को तोड़कर नए रूप में बनाने पर रोक होगी। उस इमारत को उसी रूप में संरक्षित करना होगा, जिसमें वो अभी हैं।