- फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अनुदान और तकनीकी नवाचार पर हुआ मंथन
- होटल होली डे इन में चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा आयोजित हुआ विशेष सत्र
आगरा। चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा होटल होली डे इन में “खाद्य प्रसंस्करण, सरकारी नीतियां एवं अनुदान” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आगरा में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की संभावनाओं, सरकारी योजनाओं और तकनीकी नवाचारों पर विस्तृत चर्चा हुई।
कार्यक्रम का दीप प्रज्वलन आगरा कोल्ड स्टोरेज ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भुवेश अग्रवाल, चैंबर ऑफ़ फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल, संरक्षक अजय अग्रवाल, सुभाष चंद्र गोयल, राजेश अग्रवाल, आगरा व्यापार मंडल अध्यक्ष टीएन अग्रवाल, लघु उद्योग भारती के राजीव बंसल, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान, उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अनिल शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।
उपाध्यक्ष आशीष गर्ग ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि संस्था लंबे समय से सरकार के समक्ष आगरा के फूड प्रोसेसिंग उद्योग की जरूरतों को रखती आ रही है। अब समय आ गया है कि उद्योग तकनीकी विशेषज्ञता और सरकारी योजनाओं को साथ लेकर एक नई उड़ान भरे।
अध्यक्ष राजकुमार भगत ने कहा कि आगरा से निर्यात होने वाले उत्पादों में फूड प्रोसेसिंग का बड़ा योगदान हो सकता है। हमें वैश्विक बाजार की मांग को समझते हुए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने होंगे।
संरक्षक अजय अग्रवाल ने कहा कि यह विडंबना है की प्रतिभाएं शहर से पलायन करती हैं। हमारे आगरा में संभावनाओं की कमी नहीं है बस आवश्यकता है उचित सोच को आकार मिलने की। यदि युवा सोच अपने शहर में रहकर ही अवसर मिलने पर अपने कौशल को रूप देगी तो देश की आर्थिक उन्नति में भरपूर योगदान देगा।
सरकारी अनुदान योजनाओं पर विस्तृत जानकारी
अनुदान विशेषज्ञ सीए आरके जैन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, वेयरहाउसिंग और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू हैं। सौर ऊर्जा के लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है, जो उद्योगों की ऊर्जा लागत को काफी कम कर सकता है। उन्होंने बताया कि मेगा फूड पार्क, फिश प्रोसेसिंग, ऑर्गेनिक फूड, रेडी टू ईट, और रेडी टू कुक उत्पादों के लिए भी विशेष अनुदान उपलब्ध हैं। एमएफपीएस मेगा फूड पार्क स्कीम) के अंतर्गत क्लस्टर आधारित विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।रेफ्रिजेरेशन वैन, हाईजीनिक पैकेजिंग मशीनें, फूड सेफ्टी ऑडिट, और एफएसएसएआई सर्टिफिकेशन जैसे कई मदों में सरकार द्वारा सब्सिडी या प्रतिपूर्ति सहायता दी जा रही है। उन्होंने आगरा की प्रमुख फसल जैसे आलू, दूध, तेल और मसालों के क्षेत्र में विशेष संभावनाओं की ओर भी ध्यान दिलाया।
लघु और कुटीर उद्योगों की भूमिका
लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि कम लागत में शुरू होने वाले पारंपरिक खाद्य व्यवसाय जैसे पापड़, चिप्स, मंगौड़ी आदि महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए आदर्श हैं। सही मार्केटिंग और ब्रांडिंग के जरिए यह क्षेत्र एक बड़ा आर्थिक आधार बन सकता है।
तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण की आवश्यकता
फूड साइंस एंड ट्रेनिंग सेंटर के प्रधानाचार्य प्रो. बलवीर सिंह ने कहा कि बदलती जीवनशैली और उपभोक्ता की सुविधा को देखते हुए रेडी टू ईट उत्पादों की मांग बढ़ रही है। राज्य सरकार द्वारा आगरा के पेठे को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल करना एक सराहनीय पहल है, जिससे कारीगरों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग दोनों में मदद मिल रही है।
राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षक लोकेश सेंगर ने कहा कि फूड इंडस्ट्री में उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा बनाए रखने और वेस्टेज कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाना अनिवार्य है।
कार्यक्रम संचालन और उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल ‘रावी’ ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन महासचिव अनुज सिंघल ने दिया। इस अवसर पर शैलेश अग्रवाल, विकास चतुर्वेदी, सिद्धार्थ अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, अपर्राक शर्मा, दिलीप कुमार, अशोक लालवानी, संदीप रस्तोगी, जय अग्रवाल, अमित सिंह आदि उपस्थित रहे।