आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीबीएम यमुना ने आगरा फोर्ट मेट्रो स्टेशन से शाहजहाँ गार्डन का निर्माण पूरा कर लिया है। टीबीएम यमुना ने पहले ब्रेकथ्रू के बाद एक बार फिर मिड शाफ़्ट पर ब्रेकथ्रू कर कीर्तिमान रचा है। इससे पहले टीबीएम ‘यमुना’ ने महज 77 दिन में पहला ब्रेकथ्रू किया गया था। फिलहाल, टीबीएम यमुना ताजमहल मेट्रो स्टेशन की दिशा में टनल का निर्माण कर रही है।
टीबीएम द्वारा भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रथम चरण इनीशीयल (प्राथमिक) ड्राइव होता है, जिसमें टीबीएम लॉन्चिंग शाफ्ट से टनल की खोदाई का काम शुरू करती है। इस चरण में शुरुआती/अस्थाई रिंग्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है। इस दौरान मशीन में लगे थ्रस्ट जैक इन अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ाते हैं। इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है, जिसमें टीबीएम खोदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाते हुए टनल का निर्माण करती है। इसके बाद टीबीएम मशीन दूसरे छोर पर ब्रेकथ्रू करते हुए बाहर आती है।
टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खोदाई करती है। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है।
इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।