आगरा। मुगल शासन के क्रूर शासकों से हिन्दू समाज, किसानों और महिलाओं की रक्षा करते हुए हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान करने वाले व आगरा (बृज क्षेत्र) की धरती पर जन्मे महान योद्धा वीर गोकुल सिंह जाट अब अनाम शहीद का दर्जा नहीं रहेंगे। उनके नाम से जल्द ही आगरा शहर में अष्ट धातु की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी, ये कहना है महापौर नवीन जैन का। बुधवार को फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर के नेतृत्व में जाट समाज के प्रतिनिधि मंडल ने महापौर नवीन जयंत से मांग की की वीरवर गोकुला सिंह जाट की नाम पर शहर में स्मारक प्रतिमा या सड़क का नाम किया जाए ताकि लोग किसान और हिंदू जाट समाज की रक्षा के लिए मुगल शासक के खिलाफ आवाज उठाने वाले ऐसे महान योद्धा के बारे में जान सके जिसे अभी तक अंधेरे में रखा गया।
सांसद राजकुमार चाहर ने गोकुल सिंह जाट की वीरता पर चर्चा करते हुए बताया कि जब मुगल बादशाह औरंगजेब के अत्याचारों से हिन्दू जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी। मंदिरों को तोड़ा जा रहा था, हिन्दू स्त्रियों की इज्जत लूटकर उन्हें मुस्लिम बनाया जा रहा था। किसानों से जबरदस्ती अनेक तरह के लगान व कर वसूले जा रहे थे तब किसान कुल में जन्में गोकुल सिंह जाट ही वो महान योद्धा थे जिन्होंने बड़े साम्राज्य के मुगल शासक को चुनौती दी। गोकुल सिंह ने आगरा से लेकर मथुरा तक किसान परिवारों और जाट समाज से उनके साथ खड़े होकर इन आत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लडने की अपील की। तब अपने बीच ऐसे वीर नेता को देखकर न सिर्फ जाट समाज बल्कि राजपूत, गुर्जर, यादव, मेव, मीणा इत्यादि समस्त हिन्दू जातियों के परिवारों ने गोकुल सिंह को पूर्ण समर्थन दिया। बृज भूमि सभी जाति-पांति भूलकर उनके साथ हो गयी।
महापौर नवीन जैन और सांसद राजकुमार चाहर ने जानकारी दी कि जब मुगलों नें गोेकुल सिंह को बंदी बना लिया गया था और निर्दयी शासक ने आगरा कोतवाली पर सभी लोगों के सामने वीर गोकुल जाट को कुल्हाड़ी से काटकर मारने का फरमान सुनाया गया तब भी गोकुल सिंह जाट शेर की भांति अपने मुख पर मुस्कान लिए खड़े थे। जब उनके शरीर पर कुल्हाड़ी से प्रहार किया गया तब उनके शरीर से रक्त फौव्वारे की तरफ फूटा जिसके चलते शहर के उस क्षेत्र को आज फौव्वारा चैक के नाम से जाना जाता है।
महापौर नवीन जैन ने घोषणा की कि वीर गोकुल सिंह जाट की शहादत स्थल पर भव्य अष्ट धातु की प्रतिमा लगाई जाएगी। महापौर ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि नगर निगम सदन में यह प्रस्ताव लाकर पास किया जायेगा। महापौर की घोषणा होते ही पूरा कक्ष हर्ष ध्वनि से गूंज उठा।
सांसद राजकुमार चाहर ने महापौर नवीन जैन को धन्यवाद देते हुए कहा कि समाज की मांग पर महापौर ने गोकुल सिंह जाट की स्मृति में उनके शहादत स्थल का नाम परिवर्तन व भव्य प्रतिमा स्थापित करने की जो घोषणा की है। वह केवल जाट समाज ही नहीं बल्कि समस्त हिन्दू समाज, किसान भाईयों के लिए गर्व की बात है। निश्चित ही जब यह घोषणांए मूर्त रूप लेंगी तो आगरा शहर के इतिहास में ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में एक नया अध्याय जुड़ेगा और पर्यटन नगरी आगरा में आने वाले देश-विदेश का प्रत्येक पर्यटक महान योद्धा गोकुल सिंह जाट की गाथा को भली भांति जान सकेगा।
वहीं मंच पर मौजूद विधायक राम प्रताप सिंह चौहान ने भी हिंदू जाट समाज और किसान वर्ग की प्रेरणा स्रोत वीर गोकुल सिंह जाट की प्रतिमा स्थापित की घोषणा किए जाने पर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि महापौर नवीन जैन के नेतृत्व में ना सिर्फ आगरा में चारों ओर विकास हो रहा है बल्कि हमारी आज की पीढ़ी भारतीय संस्कृति के सभी महापुरुषों से रूबरू हो रही है। क्योंकि महापौर नवीन जैन स्वयं रुचि लेकर सभी समाज के महापुरुषों की प्रतिमाओं को शहर में स्थापित कराने का काम कर रहे हैं।
अंत में महापौर नवीन जैन ने कहा कि बृज भूमि के समस्त हिन्दू समाज, किसान-जाट परिवारों के प्रेरणा स्त्रोत वीर गोकुल सिंह जाट की अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जल्द ही आगरा कोतवाली के पास स्थल का दौरा किया जायेगा और विधिवत रूप से पूरे मान-सम्मान के साथ उनकी भव्य व विशाल प्रतिमा लगाई जायेगी। प्रतिमा स्थल पर ही गोकुल सिंह जाट के इतिहास की गाथा भी लिखी जायेगी ताकि आज की पीढ़ी बृज भूमि से जुड़े ऐसे महान योद्धा के बारे में जान सके।
इस अवसर पर अनिल चौधरी, शैलराज सिंह, जे एस फौजदार, दुर्ग विजय सिंह वाहिया, कमल चौधरी, हरिओम जुरैल, कोमल सिंह, कप्तान सिंह चाहर, कर्मवीर सिंह, बच्चू सिंह, राजेश्वरी देवी, हरी कुमारी एवं राहुल चौधरी इत्यादि उपस्थित रहे।
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