आगरा। मार्च 2020 में कोरोना महामारी का प्रकोप आने के बाद आज शुक्रवार को आखिर वह दिन आ ही गया जब अस्पताल से शेष कोरोना संक्रमित मरीज के डिस्चार्ज होने के साथ ही आगरा में कोरोना के सक्रिय केस शून्य हो गए। अब आगरा जिले में कोरोना का कोई मरीज नहीं है। 18 सितंबर के बाद कोरोना का कोई नया केस नहीं मिला है। मार्च, 2020 के बाद डेढ़ वर्षों के अंतराल पर आगरा कोरोना मुक्त हुआ है।
पिछले वर्ष मार्च, 2020 में कोरोना का पहला केस आगरा में मिला था। कोरोना की पहली लहर और इस वर्ष अप्रैल में आई दूसरी लहर ने कहर बरपाया। अप्रैल में हालात बेकाबू हो गए थे। अस्पतालों में बेड नहीं मिले और आक्सीजन का संकट गहरा गया था। कोरोना संक्रमित मरीजों की सबसे अधिक मौत भी अप्रैल में हुई। शहर में तब हाहाकार मच गया था। श्मशान घाट पर पहली बार लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भी छह से आठ घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। जून के बाद कोरोना के केस कम होने लगे। तीसरी लहर की चेतावनी के बीच जुलाई और अगस्त में कोरोना के नए केसों की संख्या कम रही। वहीं, सितंबर में कोरोना के केस कम होते गए। 18 सितंबर के बाद कोई नया केस नहीं मिला है।
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना का एक मरीज भर्ती था, उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब सक्रिय केस शून्य हो गए हैं। मगर, लापरवाही नहीं करनी है। कोविड प्रोटोकाल का पालन करना है। डीएम प्रभु एन. सिंंह ने बताया कि पिछले 14 दिन से एक भी केस आगरा में नहीं मिला है, इसलिए आगरा पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है। मार्च, 2020 के बाद ऐसा पहली हुआ है। उन्होंने बताया कि कोरोना वैैक्सीन का लक्ष्य बढ़ाया जाएगा।