Agra. फिल्म देखी ‘फर्जी’ और फिर शुरू कर दिया फर्जी नोटों का खेल। जी हां फिल्म की यह कहानी कुछ दिन पहले पर्दे पर दिखाई दी थी लेकिन कुछ युवाओं ने इसे असल जिंदगी में उतार लिया। फिल्म देखकर शातिर दिमाग चलाया। कंप्यूटर और प्रिंटर के माध्यम से नकली नोट छापे और फिर उन्हें खपाने का कार्य शुरू कर दिया। आगरा पुलिस ने ऐसे ही 3 युवाओं को गिरफ्तार किया है जो जन सूचना केंद्र की आड़ में नकली नोट छाप कर उन्हें बाजार में खपा रहे थे। पुलिस ने उनके पास से 18 हजार 700 रुपए के नकली नोट, एक कंप्यूटर, स्कैनर और प्रिंटर बरामद किए हैं।
दुकानदार ने की थी शिकायत
एसीपी लोहामंडी दीक्षा सिंह ने बताया कि एक दुकानदार से थाना पुलिस को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग बाजार में नकली नोट चला रहे हैं। इस पर पुलिस एक्टिव हुई। नोट खपाने वाली तीन शातिर युवा पुलिस के हत्थे चढ़ गए और उनसे पूछताछ में पता चला कि एक जन सूचना केंद्र की आड़ में वे नकली नोट छापने व खपाने का काम कर रहे है। आरोपियों से लगभग ₹18000 के नकली नोट भी बरामद किए गए हैं।
ऐसे आये पकड़ में
एसीपी के मुताबिक करीब दो दिन पहले तीनों शातिरों ने अर्जुन नगर में एक चाऊमीन के ठेले पर नूडल्स खाई थी। तीनों ने 100-100 रुपए के अलग अलग नकली नोट दिए। भीड़ होने के चलते नूडल्स वाला नकली नोट को पहचान नहीं पाया। रात को उसने घर जाकर देखा तो नोट नकली थे। उसने गहनता से जांच की तो तीनों नोटों पर एक ही नंबर था। ठेल वाले ने दिमाग पर जोर डाला तो वही युवक ध्यान आये। बड़ी बात यह थी कि वह उन युवकों को पहचानता था लेकिन कुछ कह न सका क्योंकि सबूत नहीं था।
अगले दिन उनमें से एक युवक फिर से नूडल्स खाने पहुंचा। युवक ने फिर सौ का नोट दिया। दुकानदार ने नोट लेकर चेक किया तो उसे अजीब सा लगा। उसने अपने पास रखे पुराने नोटों से उसका मिलान किया तो उसका नंबर और पुराने वाले नोटों का नंबर एक ही था। यह देखकर उसके भी होश उड़ गए, उसने तुरंत युवक को पकड़ लिया और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवक को हिरासत में ले लिया उससे पूछताछ की गई। उसके दो दोस्तों के भी इस कारोबार में शामिल होने की बात सामने आई। पुलिस ने तीनों शातिरों को धर दबोचा।
शाहिद कपूर की फिल्म ‘फर्जी’ देखकर आया आइडिया
पकड़े गए तीनों युवकों की पहचान दीपेश, दीपक शर्मा और हेमंत के रूप में हुई है। वे एक ही मोहल्ले काछीपुरा में रहते हैं। आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने पिछले दिनों शाहिद कपूर की फिल्म फर्जी देखी थी। उसे देखने के बाद उन्हें नकली नोट छापने का आइडिया आया था। नोट छापने के बाद उसे कैसे और कहां चलाना है, ये भी फिल्म से ही उन्होंने सीखा था।
शातिरों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने डेढ़ महीने पहले ही शाहगंज थाना क्षेत्र में एक जनसूचना केंद्र में नकली नोट छापने का काम शुरू किया था। हेमंत 100 रुपए के नोट को स्कैन करके नोट तैयार करता था। नोट पकड़ने पर असली लगे। इसके लिए बाजार से अलग कागज लेकर आते थे। एक कागज पर चार नोट निकलते थे। उनके पास 18,700 के नकली नोट बरामद हुए हैं।
सभी नोटों पर एक ही नंबर
पुलिस ने तीनों आरोपियों के पास से जो नोट बरामद किए हैं उन पर एक ही सीरियल नंबर था। ये लोगों को 10 हजार के नकली नोट 5 हजार में देते थे। उन्होंने बताया कि फिल्म देखकर आइडिया आया था। सोचा था कि इससे उनका खर्चा निकल जाएगा।
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