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प्रशासन की सख्ती से बारूद के गांव में छाई उदासी

by admin

आगरा। आगरा की तहसील एत्मादपुर के गांव धौर्रा मै लोगों का रोजी रोटी का एकमात्र पटाखा उद्योग है लेकिन इस बार यहां पटाखा उद्योग से लगे लोगों के बीच मायूसी का माहौल है। इसकी एक वजह यह है कि दिवाली पर केवल 2 घंटे आतिशबाजी करने का सुप्रीमकोर्ट का आदेश है। वहीं पुलिस प्रशासन का सख्त रुख भी मुसीबत बन गया है। धौर्रा में 1 दर्जन से अधिक लाइसेंस धारी लोग पटाखा बनाते हैं जिससे लगभग पूरी साल आतिशबाजी की जाती है। दिवाली पर यहां लोग खेतों में बाजरा की खेती के बाद अवैध तरीके से बनाने का काम शुरू हो जाता है जो इस बार पुलिस प्रशासन के सख्त आदेश के बाद इस बार बिल्कुल बंद करा दिया। लेकिन पुलिस प्रशासन ने लाइसेंस धारकों की पटाखा फैक्ट्री बंद करा दी।

बात करे नियमों की तो यहां फैक्ट्री संचालकों का कहना है कि वे यहां सरकार द्वारा निर्देश नियमों अनुसार काम कर रहे हैं। आग बुझाने के लिए सिलेंडर पानी और बालू का पूरा इंतजाम है लेकिन यहां पुलिस प्रशासन के बिना कोई बाधित वजह बताएं फैक्टरी पर रोग लगा दी है जिससे फैक्ट्रियों पर ताले लटक गए हैं।फैक्ट्रियों के मालिकों ने बताया दिवाली के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं इससे उनके यहां रोजी रोटी के संकट आ गए हैं।

आपको बताते चलें कि धौर्रा गांव में पहले भी कई बार बड़े हादसे आतिशबाजी के चलते हो गए हैं जिसमें कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। लेकिन पेट की खातिर ग्रामीण पुराने दर्द और दुख को भूलकर दोबारा से आतिशबाजी के निर्माण में लग जाते हैं।

धरा गांव में आतिशबाजी का निर्माण करते ग्रामीण

वहीं जब इस संबंध में क्षेत्राधिकारी एत्मादपुर अतुल कुमार सोनकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लाइसेंस धारियों के यहां पुलिस द्वारा चेकिंग की गई थी लेकिन वह नियमों पर खरे नहीं उतरते हैं। आतिशबाजी निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। कई जगह पर तो आबादी में आतिशबाजी का निर्माण किया जा रहा था। जिसके चलते लाइसेंस निरस्तीकरण की संतुष्टि की गई जिसे मजिस्ट्रेट द्वारा सही मानकर सभी लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं और ग्रामीणों को हिदायत दी गई है कि अब पटाखा निर्माण न करें अन्यथा विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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