आगरा। घर में शौचालय न होना एक नाबालिग किशोरी की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या का कारण बन गया। अगर घर में शौचालय होता तो उस नाबालिग किशोरी की हत्या नहीं होती और आज वह भी जीवित होती। आजकल यह चर्चा गैलाना के हर घर में हो रही है और गांव की आधी आबादी इस पर मुखर होकर अपनी बात रख रही है।
शुक्रवार को गैलाना के जंगलों में किशोरी का शव पड़ा हुआ मिला था। उसकी दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या की गई थी। घटना का खुलासा हुआ तो पता चला कि किशोरी शौच के लिए घर से जंगल के लिए निकली थी लेकिन वापस नही आई। पुलिस के अनुसार किशोरी को बोतल लेकर जंगल की ओर शौच के लिए जाते देख दो युवकों ने उसका पीछा किया और जंगल में अकेला पाकर उसे दबोच लिया। इसके बाद दोनों ने उसका मुंह दबाकर दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी।
इस हत्याकांड के बाद गैलाना क्षेत्र की आधी आबादी में भय का माहौल है। क्योंकि क्षेत्र के अधिकतर घरों में शौचालय नहीं है। महिलायें, युवतियां व बच्चियां शौच के लिए जंगल में जाती है। अब उन्हें जंगल के नाम से डर लगने लगा है। आधी आबादी मुखर होकर घर में शौचालय की मांग करने लगी है जिससें उनके साथ इस तरह की घटना न हो।
आधी आबादी की इस मांग से पुरुष भी सहमत है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हर घर में शौचालय होना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योजनाओं के माध्यम से घर घर शौचालय बनवा रहे है लेकिन इस क्षेत्र में कोई सार्वजनिक शौचालय भी नही है। लोगों का कहना है कि घरों में शौचालय न होने पर सभी जंगल में शौच के लिए जाते है। लोगों ने स्थानीय प्रशासन से सरकारी खर्च पर क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय बनाये जाने की मांग की है।
इस मामले में विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने भी जिलाधिकारी को पत्र लिखा है और गैलाना के हर घर में सरकारी योजना के तहत घर बनवाने की मांग की है। विधायक का कहना है कि क्षेत्र के 70 से 75 घरों में शौचालय नहीं है। इसलिए उन्हें जंगल में शौच के लिए जाते है। अगर घरों में शौचालय होंगे तो 19 मार्च वाली घटना फिर नहीं होगी।