आगरा। फतेहाबाद के अधिवक्ताओं ने तहसीलदार फतेहाबाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जमकर नारेबाजी की और एक पत्र राजस्व परिषद के अध्यक्ष को भेजा है। बार एसोसिएशन द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार तहसीलदार फतेहाबाद द्वारा हर काम में रोड़ा लगाया जाता है, तथा समय से काम नहीं किया जाता है। जिसके चलते अधिवक्ताओं को ख़ासा परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों को समय से न्याय नहीं मिल पाता।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्ञानदेव सिंह धाकरे ने बताया तहसीलदार द्वारा दाखिला खारिज जैसे सरलीकरण के केसों में भी तीन चार महीने तक फाइलों को लटकाया जाता है और आदेश पारित नहीं किया जाता है। इसलिए अधिवक्ताओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर तहसील मुख्यालय पर तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की।
उपजिलाधिकारी द्वारा अधिवक्ताओं और तहसीलदार के मध्य चल रहे विवाद को लेकर दोनों पक्षों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें काफी देर तक चली वार्ता विफल रही।
तहसीलदार का यह कहना कि वे राजस्व परिषद के निर्देश के अनुरूप कार्य करेगीं। उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्था एवं बैक में बंधक जमीन का दाखिला खारिज नहीं करेंगी, साथ ही नाबालिग बच्चों की जमीन बेचने, जब तक सक्षम न्यायालय से आदेश पारित न हो, जिस खाते में सहखातेदार है, जिसकी कुराबंदी नहीं हुई है और जमीन की बिक्री चौहद्दी के अनुसार की गई है तो उसका दाखिला खारिज नहीं किया जाएगा।
इसके बाद तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच हुई वार्ता पूरी तरह विफल हो गई। इस दौरान प्रमुख रुप से धर्मसिंह राजपूत, ज्ञानदेव सिंह धाकरे, मन्तिराज सिंह, दिनेश पाठक, दिनेश शर्मा, दयाशंकर शर्मा, प्रेमशंकर शर्मा, मानपाल सिंह, शैलेंद्र वशिष्ठ, जयपाल सिंह, जगदीश धाकरे ,भूपेंद्र जादौन, आशीष श्रीवास्तव आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।