आगरा। स्वतंत्रता दिवस पर आगरा की जिला जेल से 27 बंदियों को आजादी मिल गयी। जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा और आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस के अथक प्रयास से इन बंदियों की रिहाई संभव हो सकी है। इन बन्दियों की रिहाई में अहम योगादन सत्यमेव जयते संस्था और पीएनसी इंफ्राटेक कंपनी का रहा है जिन्होंने इन कैदियों के आर्थिक जुर्माने की भरपाई कर इन्हें जेल से रिहा कराया और स्वंत्रता दिवस पर इन्हें भी खुले में सांस लेने का अवसर दिया।
आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि जिला जेल में बहुत से ऐसे कैदी हैं जिनकी सजा तो पूरी हो गई है लेकिन आर्थिक जुर्माने की रकम ना अदा कर पाने के कारण वह अभी भी जेल काट रहे हैं। आज ऐसे 27 लोगों का आर्थिक जुर्माना सामाजिक संस्था और पीएनसी इंफ्राटेक ने जमा कर उन्हें इस जेल से रिहाई दिलाई है।
इस मौके पर पीएनसी इंफ्राटेक के निदेशक प्रदीप जैन भी मौजूद रहे। उनका कहना था कि उन्होंने ने अपना फ़र्ज़ निभाते हुए ऐसे लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जिनकी सज़ा वे पूर्ण कर चुके और अब नई जिंदगी जीना चाहते हैं। ऐसे नेक काम से उन्हें सुकून मिलता है।
जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि 27 बंदियों की रिहाई हुई है। इनमें से 17 बंदियों का जुर्माना 53610 रुपए सत्यमेव जयते ट्रस्ट द्वारा एवं 10 बंदियों का जुर्माना 134460 रुपये समाजसेवी प्रदीप जैन द्वारा जमा कराए गए हैं।
आगरा की जेल प्रदेश में पहली जेल होगी जिसमें सबसे ज्यादा बंदी रिहा हो रहे हैं। वैसे पूरे प्रदेश में 71 बंदियों की रिहाई का लक्ष्य था लेकिन अकेले आगरा शहर से एक चौथाई से ज्यादा का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।
फिलहाल जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी यह संस्थाएं ऐसे लोगों की मदद करेंगी जो आर्थिक जुर्माना न भर पाने के कारण जेल में रिहाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।