आगरा। विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के लिए गुरुवार को बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर से बल्केश्वर पार्क स्थित कथा स्थल तक विशाल मंगल कलश यात्रा निकाली गई। भजनों की मधुर स्वर लहरियाँ बिखरते बैंड वादकों के साथ सुसज्जित बग्घी पर विराजमान पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू के पावन सान्निध्य में जब 3100 से अधिक माता-बहनें मंगल कलश लेकर सड़क पर निकलीं तो ऐसा लगा मानो आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा हो। पूरा बल्केश्वर क्षेत्र राधे-राधे के जयकारों से गूँज उठा।
प्रयास फाउंडेशन के सराहनीय सहयोग के लिए आभार व्यक्त करने के बाद सभी भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानन्द बापू ने कहा कि यह मंगल कलश, अमृत कलश भी है और सौभाग्य कलश भी। राधा रानी की कृपा से ही यह मंगल कलश उठाने का सौभाग्य मिलता है। जिस माता के सर पर यह कलश है, उसके घर में साक्षात लक्ष्मी वास करती है। अब इस मंगल कलश में देवी-देवता विराजमान होकर भागवत कथा सुनेंगे। पूज्य बापू ने भक्तों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप कथा श्रवण करने का पुण्य लाभ पाँच गुना करना चाहते हैं तो अपने साथ पाँच लोगों को भी कथा सुनने के लिए अवश्य लेकर आएँ।
दिव्य आयोजन के मुख्य संरक्षक एवं मार्गदर्शक डॉ. विजय किशोर बंसल ने बताया कि पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू 22 से 28 अगस्त तक बल्केश्वर पार्क में हर दिन दोपहर 3ः00 बजे से रात 7ः00 बजे तक भागवत कथा की त्रिवेणी प्रवाहित करेंगे। भक्तों की सुविधा के लिए कथा स्थल पर वैले पार्किंग, सीसीटीवी कैमरे, एलईडी स्क्रीन और मिन्ट लीफ की पाइपलाइन व कूलरों की व्यवस्था रहेगी।
विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्ट्री समाजसेवी पार्षद मुरारीलाल गोयल पेंट वाले एवं ट्रस्टी सुमन गोयल ने आगरावासी भक्त-श्रद्धालुओं से कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की।
मंगल कलश यात्रा में मुख्य यजमान सुगंधी परिवार की विनीता सुगंधी, गोविंद सुगंधी, अमित सुगंधी, हिमांशु सुगंधी और आशीष सुगंधी के साथ तीरथ कुशवाह, कमलेश कुशवाह, ममता सिंघल, आशा अग्रवाल, कुमकुम उपाध्याय, रजनी गोयल, नेहा गोयल, पार्षद पूजा बंसल, हरिओम गोयल, भोलानाथ अग्रवाल, विश्वनाथ भारद्वाज, मयंक खंडेलवाल, केएम सिंघल, गिर्राज बंसल, विजय वर्मा, राकेश गुप्ता, आदर्श नंदन गुप्त, वीके मित्तल, शिवराम और उमेश धर्म भी प्रमुख रूप से शामिल रहे। मयंक वैद्य ने संचालन किया।