आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की बोगी में आग लगने और यात्रियों के घायल होने के बाद रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल एनडीआरएफ के साथ अन्य सुरक्षा व बचाव टीम को सूचना दी गयी। मौके पर पहुंच जहां बोगी में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया गया तो वहीं इस घटना में घायल हुए यात्रियों को ईलाज़ के लिए ले जाया गया। इस दौरान स्टेशन पर अपनी ट्रैन का इंतजार कर रहे यात्री सहम से गए।
बताते चलें कि मंगलवार सुबह आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की बोगी में आग लगने की यह सच्ची घटना नहीं बल्कि जीआरपी आरपीएफ और रेलवे प्रशासन का मॉक ड्रिल कार्यक्रम था। ट्रेन में बड़ी दुर्घटना होने के बाद किस तरीके से यात्रियों को बचाया जाता है। सबसे पहले कौन सी टीम काम करती है। इसे मॉक ड्रिल के जरिए अधीनस्थ कर्मचारियों को समझाया गया।
रेलवे प्रशासन के मुताबिक जब भी किसी ट्रेन एक बड़ी दुर्घटना की शिकार होती है तो सबसे पहले तुरंत कार्यवाही के लिए एनडीआरएफ की टीम को कॉल किया जाता है। एनडीआरएफ की टीम ट्रेन के अंदर फंसे यात्रियों के राहत एवं बचाव कार्य में जुटती है। इसके अलावा ट्रेन की बोगी में लगी आग पर काबू पाने के लिए द्वितीय फेस में राज्य सरकार की सिविल पुलिस और फायर विभाग की मदद ली जाती है।
सभी यात्रियों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने और ट्रेन की बोगी में लगी आग पर काबू पाने के बाद अब तीसरे चरण में रेलवे विभाग की टेक्निकल टीम काम करती है। यानी ट्रेन के अंदर आग लगने का कारण जानने के लिए रेलवे विभाग की टेक्निकल टीम काम करती है।
इन सभी के बाद ट्रेन के रूट को क्लियर किया जाता है और उसे गंतव्य तक पहुंचाने के साथ-साथ यात्रियों का हालचाल जानने के लिए अग्रिम कार्यवाही शुरू की जाती है।