आगरा। रामलीला मैदान में बड़ा ही मनोरम् दृश्य है, भव्य राम मंच सजा हुआ है और चारों ओर धार्मिक उल्लास छाया हुआ है। आज लीला में रावण के अत्याचारों से दुःखी होकर पृथ्वी माता गौ रूप धारण कर देवराज इंद्र के पास पहुंचती है और रावण के अत्याचारों की व्यथा सुनाती है। देवराज इंद्र गौ माता पर हुए रावण के अत्याचारों से दुःखी होकर समस्त ऋषियों मुनियों और देवताओं को साथ लेकर ब्रह्मा जी के पास जाते हैं। ब्रह्मा जी ने स्वयं को असहाय बताते हुए कहा कि मैं भी केवल वरदान दे सकता हूं उसके अत्याचारों से मैं भी आपको नहीं बचा सकता। आप कृपया कर भगवान शिव के पास अपनी पीड़ा लेकर चलें। भगवान शिव, ब्रह्माजी के साथ सभी देवताओं, ऋषि मुनियों को साथ लेकर भगवान विष्णु के पास झीर सागर में भगवान नारायण से प्रार्थना करने पहुंचते हैं। सभी देवताओं और पृथ्वी को भयभीत जानकर और उनके स्नेह युक्त वचन सुनकर भगवान विष्णु प्रसन्न होकर उनको आकाशवाणी के द्वारा अभयदान देते है और राजा दशरथ के यहां जन्म लेने की प्रतिज्ञा करते हैं। इस मनमोहन लीला का मंचन नीरज चतुर्वेदी के निर्देशन में किया जा रहा है
इस अवसर पर रामलीला कमेटी के महामंत्री राजीव अग्रवाल, भगवान दास बंसल, विष्णु दयाल बंसल, ताराचंद, अजय, छोटू भाई, प्रवीण गर्ग आनंद मंगल, मोहित, मनोज, रजत बंसल, शालू अग्रवाल, राहुल गौतम, योगेंद्र, राम मोहन आदि उपस्थित रहे।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बाल रूप में राम जन्मोत्सव पर छाएगा धार्मिक उल्लास
कमेटी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल द्वारा बताया कि 23 सितंबर को रामलीला मैदान अयोध्या नगरी के रूप में सजायमान होगी तथा अयोध्या में चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न के जन्म की मनमोहक लीला की प्रस्तुति होगी। राजा दशरथ बने संतोष शर्मा व रानी कौशल्या ललिता शर्मा अपने समस्त पारिवारिक जन, इष्ट मित्रों के साथ अयोध्या नगरी में उपस्थित रहेंगे तथा साथ ही समस्त आगरा क्षेत्र की जनता और श्रद्धालुओं से राम जन्मोत्सव में आने की अपील की है ताकि भगवान के बाल रूप के दर्शन कर अपने को सौभाग्यशाली समझ सके।