आगरा। रामलीला मैदान में आज मिथिला नगरी में बनी पुष्प वाटिका अपनी अनोखी छठा बिखेर रही थी। गौरा मंदिर और अहिल्या उद्धार के निराले दृश्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इससे पूर्व स्व. लाला चन्नोमल की बारहदरी से मुनि विश्वामित्र के साथ राम लक्ष्मण घोड़े की सवारी पर व मां जानकी अपनी सखियों के साथ रथ पर सवार होकर पुष्प वाटिका के लिए रावतपाड़ा, जौहरी बाजार, बिजली घर होती हुई रामलीला मैदान बनी जनकपुरी मिथिला नगरी में जाती हैं। मां जानकी राम-लक्ष्मण की शोभायात्रा मार्ग पर अनेक जगह पुष्प वर्षा कर लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। रामलीला के पदाधिकारियों ने मां जानकी व भगवान राम की महिमा का वर्णन कुछ इस प्रकार किया सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
मैदान पर जानकी मां अंबिका के मंदिर में पूजा करती हैं तथा पूजा करते समय मां अंबिका से भगवान श्री राम को अपने पति के रूप में मांगती है। मां अंबिका पूजा से प्रसन्न होती हैं और प्रसन्न होकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को उनके पति के रूप में देने का वरदान देती है। रामलीला मैदान में लीला के प्रारंभ में दिखाया कि भगवान राम और लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ यज्ञ पूर्ण करके जनकपुरी जाते हैं। जनकपुरी के मार्ग में एक शिला मिलती है शिला को देखकर भगवान राम विश्वामित्र जी की आज्ञा से उस शिला पर अपने चरण रज प्रदान करते हैं। चरण रज से गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार होता है।
रामलीला मैदान में आज रामलीला के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल, विजय प्रकाश गोयल, मुकेश जौहरी, मनोज पोली, विष्णु दयाल बांसल, राकेश जैन, अजय छोटू, महेश चंद्र मंगल, रामांशु शर्मा, विनोद जोहरी, निक्की जोहरी, प्रकाश चंद, दिलीप अग्रवाल, राम मोहन पाराशर, योगेंद्र, राहुल गौतम सहित अनेक पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी द्वारा मिथिला नगरी में सीता स्वयंवर की लीला पर की जाएगी महा आरती
श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल द्वारा बताया कि 26 सितंबर को सीता स्वयंवर और धनुष टूटने की लीला पर काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस के बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर पर जो आरती होती है उन्हीं पुजारियों द्वारा कल मिथिला नगरी बने रामलीला मैदान पर सीता स्वयंवर एवं धनुष टूटने की लीला पर आरती की जाएगी