जनपद मैनपुरी के ग्राम मानपुरहरी का 100 वर्ष से अधिक प्राचीन संकटमोचन हनुमानजी मन्दिर (रामानन्द आश्रम) का वार्षिक मेला लगभग 50 वर्ष से अधिक समय से लगता चला आ रहा है। यह मेला प्रतिवर्ष वैशाख माह पूर्णिमा से शुरू होता है, जिसमें आस-पास गाँवों के अलावा अन्य जनपदों से श्रद्धालुओं द्वारा नेजा/झण्डा चढाये जाते हैं।
सनातन धर्म में नेजा/झण्डा चढ़ाने की पुरानी परम्परा है, बड़े-बड़े पुराने देवी मंदिरों, शिव मंदिरों एवं ब्रह्मदेव पर भक्तजन अपनी मनौती/मनोकामनाओं की पूरी होने के बाद खुश होकर गाते बजाते झण्डा चढ़ाते, परिक्रमा लगाकर, प्रसाद वितरण करके देवी देवताओं से सपरिवार आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
मन्दिर व्यवस्थापक स्वामी सुघरानन्द जी महाराज ने बताया कि यह मेला वैशाख पूर्णिमा से शुरू होता है, प्रथम दिन सर्वप्रथम 24 घण्टे का “रामचरितमानस का अखण्ड पाठ” होता है। ज्यादातर झण्डे हनुमानजी के मुख्य दिन मंगलवार एवं शनिवार को चढ़ाये जाते हैं। अभी तक क्षेत्र के मानपुरहरी, बढेपुर, भूड़हार, भूड़पटिया, बिल्सडा, बाजपुर, मल्लामई आदि के अलावा बाहरी क्षेत्र से करहल, ज्योती, उगरपुर (फर्रुखाबाद), जगतपुर (छिबरामऊ), धीरपुर, शुक्लागंज(उन्नाव), हिमायूंपुर के भक्तजनों द्वारा नेजा/झण्डे चढ़ाये जा चुके हैं।
मन्दिर के महंत एवं सन्तजन संकटमोचन हनुमानजी एवं अन्य सभी देवशक्तियों से प्रार्थना करते हैं कि झण्डे चढ़ाने वालों के परिवारीजनों को स्वस्थ, सुखी जीवन प्रदान करे तथा इनकी सभी मनोकामनायें पूर्ण करें।