गुजरात के मोरबी में झूलता पुल (केबल पुल) टूटने से हुए हादसे में मौत की संख्या 100 से ऊपर पहुंच गई है। गुजरात सूचना विभाग के अनुसार अब तक लगभग 177 लोगों को बचाया जा चुका है। इसमें से गंभीर रूप से घायल 19 लोगों का इलाज चल रहा है। नदी में अभी भी कई लोगों के डूबे और फंसे होने की आशंका है। उन्हें बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
प्रारंभिक तौर पर यह सामने आया है कि मच्छु नदी पर बने इस ऐतिहासिक झूलता पुल पर बीते रविवार को पुल की क्षमता से 5 गुना अधिक भीड़ पहुंच गई थी। लोगों में सेल्फी लेने की होड़ दिख रही थी। इस कारण से अधिक संख्या में लोग पुल के बीच वाले हिस्से में पहुंच गए जिसके चलते झूलता पुल की केबल अत्यधिक दबाव नहीं झेल सकी और यह बड़ा हादसा हो गया।
मरने वालों में बच्चों की अधिक संख्या
इस हादसे में सबसे बड़ी दुखदाई बात यह है कि मरने वालों में अत्यधिक बच्चे और महिलाएं हैं। मृतकों में लगभग 60 बच्चे और महिलाएं हैं। पुल से गिरने के बाद मच्छु नदी में अभी भी 40 से 50 लोग फंसे हैं। उन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है। सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, फायर बिग्रेड की मदद से लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
140 साल पुराना पुल
मोरबी का झूलता पुल (Morbi Bridge) 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसकी लंबाई लगभग 765 फुट है। पुल का उद्घाटन 1879 में मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने किया था। तब इसकी लागत 3.5 लाख रुपये थी। पुल बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही आया था।