मथुरा। मानदेय बढ़ाने की मुख्य मांग के साथ सात सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा। लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कर्मचारियों पर हुए लाठी चार्ज के विरोध में गुरुवार को आंगनबाड़ी संगठन एकजुट हो कर जुलूस निकालेंगे और डीएम को ज्ञापन सौंपेंगे।
आंगनबाड़ी और इस आंदोलन का समर्थन कर रहे संगठनों ने बुधवार को धरना स्थल पर इस बात का खंडन किया कि आंदोलन में कर्मचारी संगठनों के बीच किसी तरह का विवाद है। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष शशी प्रभा ने इस तरह की बातों को आंदोलन को कमजोर करने वाली अफवाह करार दिया। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी कर्मचारी कामबंद अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है। उन्होंने मांग की कि सरकार के साथ जुलाई में आंगनबाड़ी को पंद्रह हजार और सहायिक को साढ़े सात हजार रुपये दिये जाने की बात पर सरकार के साथ वार्ता हुई थी सरकार अब अपने वादये से पीछे हट रही है।
उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी श्रमिक संघ(एटक) की जिलाध्यक्ष उषा शर्मा आंगनबाड़ी और सहायिकाओं को राज्यकर्मचारी घोषित किया जाऐ। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार अधिकारी और नेता करते हैं और इसका दोष आंंगनबाड़ीश पर डाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब पंजीरी वितरण में भारी अनियमितता मिली थी तो इसे बंद क्यों नहीं किया गया। सरकार बच्चों के खाते खुलवाकर सीधे पैसे भी भेज सकती है। उन्होंने सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़े कर दिये। जिस तरह के तेवर आंगनबाड़ी कार्मचारियों के दिख रहे हैं आंदोलन लंबा चल सकता है।
रिपोर्टर- जीवनदीप कल्यान (मथुरा)