आगरा। बढ़ते टैक्स और सरकार की पॉलिसी के कारण बढ़ रही महंगाई। जानिए क्या कहा बैकंुठी देवी डिग्री कॉलेज की इकोनॉमिक्स की प्रोफेसरों ने।
देशभर में महंगाई लगातार बढ़ रही है। लोग महंगाई से परेशान हैं। बढ़ती कीमतें सभी को रुला रही हैं। ऊपर से बेरोजगारी जले पर नमक छिड़क रही है। लगातार बढ़ती जा रही महंगाई और बेरोजगारी के क्या कारण हैं। वर्तमान परिस्थितियां क्या कहती हैं इसको लेकर मून ब्रेकिंग की टीम ने बैकुंठी देवी डिग्री कॉलेज की इकोनॉमिक्स की प्रोफ़ेसर से खास वार्ता की।
#डॉक्टर कामना धवन ने बताया कि महंगाई केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में यही स्थिति देखने को मिल रही है। वैश्विक बाजार में पेट्रोल डीजल व अन्य वस्तुओं का आयात निर्यात किया जाता है, उनमें उतार-चढ़ाव हो रहा है। दूसरा मुख्य कारण रूस और यूक्रेन के बीच जो युद्ध चल रहा है, उसने भी महंगाई को चरम पर पहुंचाया है। यह दोनों मुद्दे ऐसे हैं जो भारत की पहुंच से बाहर हैं और यही दोनों महंगाई को बढ़ाने में सबसे मुख्य है।
रुपया भी लगातार टूट रहा है
डॉक्टर कामना धवन ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के रुपए के साथ लगातार घट रही है। भारतीय रुपया लंबे समय से डॉलर के मुकाबले गिर रहा है। अब रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर सबसे निचले स्तर पर आ गया। सोमवार के कारोबार में 23 पैसे टूटकर 79.49 प्रति डॉलर के भाव पर पहुंच गया। रुपया कमजोर होने का कारण ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें और मंदी की आशंका रहे हैं। जानकारों की मानें तो रुपया अभी और कमजोर होने के संकेतों में है। इस महीने जुलाई में रुपया 80 प्रति डॉलर के स्तर नीचे की ओर तोड़ता दिखाई देगा।
बढ़ते टैक्स और सरकार की पालिसी है जिम्मेदार
डॉ रेखा सिंह का कहना है कि जिस तरह से बेरोजगारी और महंगाई बड़ी है उसके लिए सरकार की नीति भी कुछ हद तक जिम्मेदार है। हम हैं कौटिल्य के अर्थ शास्त्र पर भी कुछ गौर करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि जनता प्रजा की तरह है और उस पर टैक्स का अधिक बोझ नहीं होना चाहिए। हमारी टैक्स पॉलिसी ठीक नहीं है एक वस्तु के लिए ना जाने हम कितनी बार टैक्स भरते हैं टैक्स का सरलीकरण हो तो कुछ हद तक महंगाई पर काबू पाया जा सकता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग ने बढ़ाई छोटे व्यापारियों की दिक्कतें
#डॉ रेखा सिंह कहती हैं कि आज व्यापारी दुकान में ग्राहकों की राह ताक रहा है लोगों की जेब में पैसा नहीं है छोटे व्यापारी कोरोना की मार से अभी उम्र नहीं पाए हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग है उनकी कमर तोड़ दी है डॉ रेखा सिंह का कहना है कि छोटे व्यापारियों का जो व्यापार चौपट हुआ है और वह बेरोजगारी की कगार पर आ चुके हैं तो उसका एक मुख्य कारण ऑनलाइन ट्रेडिंग भी है।
डॉ रेखा सिंह ने बताया कि रुपए की गिरावट ने भी बेरोजगारी और महंगाई को बढ़ावा दिया है लगातार रुपया गिर रहा है जिससे देश की साख भी गिर रही है। ऐसे में अगर रुपया नहीं समला तो देश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ जाएगी इसके लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए।
भारत विकसित देशों की दौड़ में: डॉ. पूनम शर्मा
इकनॉमिस्ट डॉ पूनम शर्मा ने बताया कि भारत भी विकसित देशों की दौड़ में शामिल हो रहा है और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव आता है। वह भारत का पूरी तरह से असर डाल रहा है। भारत में महंगाई दो कारणों से है पहला तो ये कि सप्लाई साइड इफ़ेक्ट जिसे अर्थशास्त्र की भाषा में कॉस्ट पुश कहते हैं, जिसमें सामानों की लागत बढ़ गयी है और महंगाई महसूस हो रही है और दूसरी डिमांड पुल जो हमने ऊपर बात की कि देश के अंदर खरीदने की क्षमता यानी बायिंग कैपेसिटी बढ़ी हुई है। हाल के चुनावों में भाजपा समर्थित सरकारों का एक बार फिर से आना दरअसल इसका प्रमाण है। हालांकि इसका दूसरा पहलू ये भी है कि निचले तबके के लोग महंगाई से प्रभावित हुए हैं।
महंगाई बढ़ने के कई कारणों में एक मुख्य कारण ये है कि कोरोना के काल में सरकार ने भारी खर्च किया था। आपको अगर याद हो वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के इकोनॉमिक पैकेजेज, जब लोगों के पास कोरोना काल में पैसे नहीं थे तो सरकार ने पैसे दिए। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये और इनडायरेक्ट रूप से मार्केट को सहूलियत देते हुए भी। अब रोचक बात ये है कि मार्किट का एक बडा तबका ऐसा है जिसकी खर्च क्षमता यानी स्पेंडिंग कैपेसिटी बढ़ी हुई है जिसपर सेंट्रल बैंक लगाम लगाना चाहता है और रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रहा है।