Home » मिशन ‘कर्मयोगी’-‘अभ्युदय का अमृत महोत्सव’ के माध्यम से होगी मानव अधिकारों की रक्षा

मिशन ‘कर्मयोगी’-‘अभ्युदय का अमृत महोत्सव’ के माध्यम से होगी मानव अधिकारों की रक्षा

by admin
Human Rights

Agra. मानवाधिकार दिवस एवं गीता जयंती के उपलक्ष्य में चल रहे पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया। इस कार्यक्रम के अंतिम दिन सूरसदन प्रेक्षागृह में मिशन कर्मयोगी अभ्युदय का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में गुजरात मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस रवि आर त्रिपाठी, पूर्व सांसद बलवीर पुंज, एल वेंकटेश्वर, एडीए वीसी राजेंद्र पेंसिया मुख्य रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथियों ने अपने विचार रखे तो वहीं शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।

गुजरात मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस रवि आर त्रिपाठी का कहना था कि मिशन कर्म योगी और अभ्युदय का अमृत महोत्सव दोनों ही मानव अधिकारों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इन योजनाओं को सही से अमलीजामा पहनाया जाना अति आवश्यक है। क्योंकि इन्हीं के माध्यम से मानव अधिकारों की रक्षा होगी और आम व्यक्ति और युवा वर्ग भी मानव अधिकारों के प्रति जागरूक होकर अपने हक के लिए आवाज उठा सकेगा।

Human Rights

पूर्व सांसद बलवीर सिंह पुंज इस कार्यक्रम को देख काफी उत्साहित नजर आए। सबसे ज्यादा खुशी उन्हें इस बात की हुई इस कार्यक्रम में छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। उनका कहना था कि आधे से ज्यादा दर्शक दीर्घा में छात्र थे। आने वाले भविष्य की पीढ़ी इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेती है तो यह देश के लिए सबसे अच्छी बात है। भावी पीढ़ी मानव अधिकार और गीता के विषय और चिंतन व विचारको के विचार जाने और उससे कुछ सीख कर अपने भविष्य को बदले, इससे एक सुंदर भविष्य ही देश का बनेगा। आयोजकों का प्रयास काफी सराहनीय था जिसकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है।

एल वेंकटेश्वर लू महानिदेशक उपाम का कहना था कि इस तरह के कार्यक्रमों से समाज समृद्ध बनता है, साथ ही समाज में फैली नकारात्मकता भी खत्म होती है। क्योंकि जब इस तरह के कार्यक्रमों में युवा पीढ़ी भाग लेती है तो उनके अंदर एक नई सोच और भावना पैदा होती है। उसी के आधार पर वह एक नए समाज की संरचना तैयार करते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से भावी पीढ़ी में विचारात्मका और चिंतन करने की भावना पैदा करनी है जिससे समृद्ध समाज की संरचना हो सके।

Related Articles